नवंबर का महीना आते ही सुबह 5 बजे हलचल शुरू हो जाता है बच्चे बूढ़े और जवान सभी वर्ग के लोग टहलने निकल जाते हैं बच्चे उछल-कूद करने मौज करने,जवान अपना बॉडी लैंग्वेज बनाने व बुजुर्ग स्वास्थ्य फिटनेस करने के लिए सुबह अपने आस पास मैदान की ओर दौड़ने,कसरत करने लगते है। सुबह का वातावरण मीठी हलचल से गूँज उठता है । जो लोग सोये रहते हैं वो भी उत्सुक हो जाते है और जल्दी उठकर दौड़ने निकल पड़ते है । कुछ आलस लोग बिस्तर से उठ नहीं पाते वो अपने दिनचर्या अनुसार उठते है और व्यायाम करने निकल पड़ते है । कुछ लोग उठते ही नही उनकी अपनी दिनचर्या है लेकिन यही लोग जब बीमार पड़ जाते हैं और डॉक्टर उसे सलाह देते हैं तो सैर करने लगते है । आफत हमारी दिनचर्या को बदल देता है जब विपत्ति आती है तभी हमारी दैनिक क्रियाकलापों में थोड़ा परिवर्तन होना शुरू होता है । कष्ट से हम परिपक्व होते है ।
हमारे शरीर के लिए व्यायाम,योग व प्राणायाम विशेष महत्व रखता है । आखिर 21 जून विश्व योग दिवस के रूप मनाया जाने लगा ।बचपन से ही अच्छी आदत बनी रहती है वो आगे के वर्षो में काम आती हैं । घर में बड़े बुजुर्ग जब योगाभ्यास आदि करते हैं तो बच्चे उसे आसानी से समझ जाते हैं और वो भी अपने जीवन में अपनाने लगते हैं । सुबह की सैर के अनेक फायदे हैं जो दिनभर के कार्यो में असर डालते है । इस माह ठंड लगने शुरू होते हैं जो बढ़ते जाते हैं । अलमारी में रखे साल स्वेटर निकलने लगते है । कपड़ा दुकान में गर्म कपड़ों की पूछ परख बढ़ जाती है । फसल की कटाई भी शुरू हो जाता है लोगो के चेहरे पर मुस्कान झलकने लगता है । लोग टूर का भी प्लान बनाने लग जाते हैं दोस्तो रिस्तेदारो को पूछने लगते हैं । सेहत का खज़ाना है यह माह लोग अपने चेहरे शरीर पर ध्यान देने लगते है । सुबह ध्यान साधना में डूबना अच्छा लगता है । सहायक भी है । ओस की बूँद व कुहरे का धुंध मन को प्रफुल्लित कर देता है । जीवन में उल्लासिता आती है ,कहते हैं परमात्मा हर कण में विद्यमान है ।उसके निकट होने का यही समय हैं । प्रकृति संग जीए।
धरती और अम्बर है
जीना यहाँ हर पल
ये महीना नवम्बर है ।
कसना सदा कसौटी में
नही रहना बनावटी में
आज और कल है
ये महीना नवम्बर है ।