आधार कार्ड से सरकार ने लाख चीज़ें जोड़ीं – बैंक खाता से लेकर खाद की बोरी और पैन कार्ड से लेकर गैस सिलेंडर. लेकिन आधार कार्ड की असल में अगर किसी ने पॉपुलर बनाया तो वो जियो की सिम ही थी. आधार नंबर दिखा कर सिम मिलने लगा तो जियो ने भी लूट मचाई और पब्लिक ने भी. लेकिन अब यही बात दिक्कत बन गई है. जियो की भी और पब्लिक की भी.
कारण – magicapk.com नाम की एक वेबसाइट ने आधार कार्ड दिखा कर खरीदी गई जियो सिम की जानकारी पब्लिक कर दी है.
इस लिंक को खोलने पर एक डिब्बा बन कर आता था (था इसलिए कहा क्योंकि अब नहीं आ रहा) जिसमें जियो का नंबर डाल कर सर्च करने पर नंबर चलाने वाले की पूरी डीटेल सामने आ जाती थी – माने फर्स्ट नेम, मिडल नेम, लास्ट नेम, सर्कल (दिल्ली/यूपी), सिम एक्टिवेशन की तारीख और समय, ईमेल आईडी और लास्ट में आधार नंबर. माने आपका पूरी कुंडली. इस डाटा ब्रीच का पता सबसे पहले fonearena.com नाम की वेबसाइट ने लगाया. वेबसाइट के मुताबिक ये भारत का अब तक का सबसे बड़ा डाटा ब्रीच हो सकता है.
लेकिन फिलहाल ये तय नहीं है कि कितने लोगों की जानकारी पब्लिक हुई है. कई लोगों ने जब अपना जियो वाला नंबर साइट पर सर्च किया तो उन्हें कोई डीटेल नहीं मिली. तो इतना तय है कि जियो का पूरा डाटाबेस लीक नहीं हुआ है.
9 जून को ये बात सामने आने के बाद कई सारे लोगों ने अपनी डीटेल magicapk.com पर चेक की. इसके बाद वही हुआ जो irctc का होता था – वेबसाइट क्रैश हो गई. इसके कुछ देर बाद वेबसाइट ऑफलाइन हो गई. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक magicapk.com godaddy.com पर 18 मई को रजिस्टर हुई थी. किसने की थी और क्यों की थी, ये फिलहाल मालूम नहीं चला है.
जियो ने कह दिया है कि उसके पास जमा कस्टमर डाटा सुरक्षित है और वो पता लगा कर रहेगा कि जितनी जानकारी पब्लिक हुई है, वो कैसे हुई. और जब पता लगेगा, तब उसके खिलाफ धांसू कार्रवाई करेगा.