सर अजीत डोभाल जी.. मुल्क पर अहसान कीजिए. मान जाइए कि अब आप से नहीं हो पा रहा है. अगर कुछ किया था तो उसका अहसान इतने वक्त तक NSA बनाए रखकर देेश ने चुका तो दिया ही है. तीर्थयात्री से लेकर जवान तक मारे जा रहे हैं और आप हथियारों की डीलिंग देश के दो पूंजीपतियों को कराने से अधिक कुछ कर नहीं पा रहे. चीन हो या पाकिस्तान आपने दोनें को मिसहैंडल करके उन्हें आपस में पक्का दोस्त बनवा दिया है. ये सरकार भयानक ईगो से लैस है. गृहमंत्री घमंड से चूर बयान बहुत पहले दे चुके कि ये यूपीए की नहीं एनडीए की सरकार है और यहां इस्तीेफे नहीं होते. सर, इस्तीेफा देने के लिए नैतिकता चाहिए होती है. संभव है वो इस सरकार में ना बची हो.. आप तो मगर नेता नहीं नौकरशाह हैं. अपनी फेल हो रही नीतियों के बारे में सोचकर कभी तो अपनी क्षमताओं का आकलन करते ही होंगे? सर, आपका पद बहुत महत्वपूर्ण है और आप पठानकोट एयरबेस में जांच के नाम पर ISI तक घुसा चुके हैं. अब किसी ऐसे आदमी को इस पद पर बैठने दीजिए जो एडवेंचर करने से अधिक लोगों की जान बचाने में इंटरेस्ट रखता हो. आपके बालक बच्चे सब सैट हैं. एक बड़ी मैग्ज़ीन में पढ़ा था कि आपके बेटे ने विदेश में मोदी जी के इवेंट बढ़िया आयोजित कराए हैं. उसकी संस्था में कई बड़े भाजपाई और संघी पद लिए बैठे हैं. आप भी अब इस्तीेफा विस्तीफा देकर उसी बिज़नेस में हाथ बंटाइए सर. एक मशहूर शायर ने कहा भी था कि- कुर्सी है
तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं है
कुछ कर नहीं सकते
तो उतर क्यूँ नहीं जाते..
मूल लेखक : नितिन ठाकुर