लड़कियां कहीं भी सुरक्षित क्यों नहीं हैं? उन्हें एक खिल
एक लड़की अपनी कार से बड़ी तेजी से जा रही थी। तभी रास्ते में देखती है कोई लड़का घायल पड़ा हु
बाय, मम्मी!बाय, आज भी अंशुल जोर जोर से अपनी माँ को स्कूल जात
डार्क वैब - इंटरनेट की काली दुनियां नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सब मेरा विश्वास
प्रकृति को आज परेशा हमने देखा है...
जो कल पेड लगा गए थे उन्हें काट
"तेज़ तरार" एक तेज़ -तर्रार और गतिशील डिजिटल समाचार प्ले
दूनिया में आए हैं तन्हा जाएंगे भी तन्हा, तो कया सांस भी लेता है हर कोई तन्हा. मन तन
यह अवांछित और दुर्भाग्य पूर्ण सच है कि समाज में सब तरह के अपराध अब भी घटित होते हैं किन्तु सभी सुर्ख़ियों में नहीं आते। हत्या और बलात्कार जघन्य अपराध हैं। एक तो ये अपराध निंदनीय हैं और शर्मसार करने वाले है। उस पर मीडिया ,सरकारों और विभिन्न पार्टियों के नेताओं की प्रत
u .p के बुलन्दशहर की रहने वाली सुदीक्षा भाटी की मृतुय की खबर सुनी तो अपने जज्बात को रोक न पई और सोचने पर मजबूर कर दिया कि आज हमे नैतिक शिक्षा देने की जरुरत किसे है अपने बच्चो को या फिर अपनी बचिचयों को जो आये दिन इस छेड़छाड़ ,बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों
तीक्ष्ण वाणी के प्रहार,झेलता वह मासूम।सुबकता,सिसकता,आंसू पौंछता।खोजता अपने अपराध,शनै-शनै मरता बचपन!आक्रोश का ज्वालामुखी,उसके अंदर लेता आकार।शरीर पर चोटों की मार,बनाती उसे पत्थर!पनपता एक विष-वृक्षजलती प्रतिशोध की ज्वाला!पी जाती उसकी मासूमियत।वक्त से पहले ही होता बड़ा,समझता शत्रु समाज को,चल पड़ता पाप
आज के समय पर एक तरफ सरकार ना जाने कितनी तरह की योजनाएं ला रही हैं, बेटी बचाओ से लेकर के सुकन्या धन योजना ना जाने कितनी तरह की योजनाएं सरकार लेकर आ रही हैं जिससे लोगों के दिमाग में इतने सालों से चली आ रही रूढ़ीवादी समाज के एक बड़े वर्ग में आज भी बेटे को अहमियत देना जारी है।
बिहार में महिलाओं के साथ बलात्कार, छेडछाड़, अपहरण, दहेज के लिए हत्या एवं प्रताड़ना के मामलें तेजी से बढ़ा है। बिहार में इस बढ़ते हुए महिला अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताज़ा मामले की बात करें तो बिहार के रोहतास जिले के तिलौथु थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मसार करने
कहते हैं शादी 7 जन्मों का रिश्ता होता है। रिश्ता पक्का होने के बाद से लड़के और लड़की के बीच नजदीकियों के बढ़ने का सिलसिला तेज होता है। जोकि पड़ाव दर पड़ाव दो जिस्म एक जान की दहलीज तक पहुंच जाता है। जब प्यार परवान चढ़ता है तो लड़का और लड़की एक दूसरे को प्यार भरे नामों से पुकारना शुरू करते हैं। कोई बा
पटना, जेएनएन। जिन फूलों से मंडप सजना था, उनसे स्निग्धा की रविवार को अर्थी सजी। शनिवार को उसके तिलक की रस्म हुई थी। रविवार को मंडप था और सोमवार को शादी होनी थी। मंडप और घर को सजाने के लिए फूल मंगाए गये थे। शव शास्त्रीनगर थाने के पटेलनगर इलाके के स्नेही पथ स्थित उसके घर चंद्र विला लाया गया।शव को अंतिम
अनिमेश आठवीं कक्षा का विद्यार्थी था । बचपन से हीं अनिमेश के पिताजी ने ये उसे ये शिक्षा प्रदान कर रखी थी कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक आदमी का योग्य होना बहुत जरुरी है। अनिमेश अपने पिता की सिखाई हुई बात का बड़ा सम्मान करता था । उसकी दैनिक दि
बिहार में सिपाही के 9900 पदों पर इस साल हुई बहाली में फर्जीवाड़े का नया और बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सिपाही के पद पर चयनित हो चुके दो सौ से ज्यादा अभ्यर्थियों की चालाकी चयन पर्षद ने ज्वाइनिंग से ठीक पहले पकड़ ली। अगर थोड़ी भी चूक होती तो ये सिपाही बन गए होते, लेक