पंजाब के अमृतसर में विजयादशमी के दिन रावण वध के दौरान के हुए ट्रेन हादसे में मारे गये मजदूरों के परिजनों ने पंजाब सरकार पर शव भेजने के लिए कोई इंतजाम नहीं करने का आरोप लगाया है. बरौली के सलोना निवासी मृत राजेश भगत के भाई भूलन भगत ने कहा कि अमृतसर जाने के लिए पैसे नहीं थे, वहां एंबुलेंस वाले शव घर पहुंचाने के लिए 40 हजार रुपये मांग रहे थे. ऐसी परिस्थिति में राजेश का शव नहीं लाया जा सका.
अमृतसर में रहनेवाले राजेश के रिश्तेदारों ने परिजनों की माली हालत को देख वहीं पर शव का दाह-संस्कार कर दिया. राजेश के परिजनों ने बताया कि हादसे के बाद शव को देखने के लिए भी मौका नहीं मिल सका. राजेश की पत्नी शारदा देवी को व्हाट्सएप पर तस्वीर भेजकर रिश्तेदारों ने दाह-संस्कार करा दिया.
दाह-संस्कार में शामिल होने के लिए सलोना गांव से कोई नहीं पहुंचा. अपने पति के अंतिम दर्शन के लिए पत्नी शारदा देवी फूट-फूटकर रो रही थीं. उधर, हादसे के बाद तीसरे दिन भी राजेश के घर में चूल्हा नहीं जल सका. मृतक के भाई ने कहा कि परिवार की हालत इतनी दयनीय है कि बच्चों का पालन-पोषण और पढ़ाने के लिए पैसे तक नहीं है. मजदूरी करके राजेश पूरा परिवार चलाता था. राजेश के दो छोटे बच्चे हैं. मां-बाप की मौत के बाद परिवार में इकलौता कमाऊ सदस्य राजेश भगत ही था, जो अमृतसर की सूता फैक्टरी में मजदूरी करता था.
पंजाब सरकार ने शव भेजने के लिए नहीं किया कोई इंतजाम
सदमे में गर्भवती पत्नी की स्थिति हुई गंभीर
राजेश की पत्नी शारदा देवी आठ माह की गर्भवती हैं. पति की मौत की खबर ने उसे सदमे में डाल दिया है. महिला की हालत को देख स्थानीय मुखियापति राकेश साह ने उसे बरौली पीएचसी में भर्ती कराया. चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी डॉ त्रिभुवन नाथ सिंह ने बताया कि महिला की हालत गंभीर है. दो दिनों से भोजन नहीं करने और अचानक हादसे की खबर मिलने से ऐसी स्थिति बनी है.
§
गया: इंटरलॉकिंग कार्य के चलते गया-मुगलसराय रेल खंड कल से बंद रहेगा। इस रूट की ट्रेनें पटना होकर चलेंगी। इंटरलॉकिंग कार्य 24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक चलेगा। एक हफ्ते के लिए गया से गुजरने वाली 14 ट्रेनें रद्द रहेंगी। इसके अलावा कई ट्रेनों का रूट भी बदला गया है। पटना में 10 जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों का अस्थायी ठहराव है।
इससे पहले डेहरी-सोननगर के बीच चल रहे इंटरलॉकिंग सिस्टम प्रणाली कार्य का निरीक्षण सोमवार को मंडल रेल अधिकारियों की टीम ने किया। इंटरलॉकिंग सिस्टम कार्य युद्ध स्तर पर जारी रहने के कारण महाबोधि एक्सप्रेस को छोड़कर सभी पैसेंजर और एक्सप्रेस गाड़ियों का परिचालन 24 अक्टूबर की रात से 30 अक्टूबर तक इस रेलखंड पर नहीं होगा। तय समय पर कार्य पूरा करने को लेकर रेलवे द्वारा अत्याधुनिक मशीनों के साथ करीब दो हजार कर्मियों को इस कार्य में लगाया गया है।
कार्य निरीक्षण करने सोमवार को एडीआरएम सुजीत कुमार वर्मा, दूरसंचार एवं संकेत अभियंता सह आरआरआई के नोडल पदाधिकारी बृजेश यादव, मंडल अभियंता आलोक कुमार, मंडल के विद्युत अभियंता ओपी यादव, वीरेंद्र पासवान, नरेंद्र प्रसाद सिंह आदि ने कर्मियों को कई आवश्यक सुझाव और निर्देश दिए। एडीआरएम ने बताया कि रेलवे की बड़ी अत्याधुनिक मशीन सी-28 के साथ करीब 2000 कर्मियों को रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम प्रणाली कार्य में लगाया गया है। तय समय पर कार्य को पूरा करने के उद्देश्य से युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
लगातार इंटरलॉकिंग सिस्टम कार्य का अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। रेल अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों की सुविधा और रेल आधुनिकीकरण की दिशा में इंटरलॉकिंग सिस्टम प्रणाली मील का पत्थर साबित होगा। इसके बनने से जहां गाड़ियों की स्पीड इस रूट पर तेज होगी, वहीं गाड़ियों की रुकावट भी कम होगी तथा समय से ट्रेनों का परिचालन होगा। इंटरलॉकिंग व्यवस्था के तहत ऑटोमेटिक रेलवे फाटक का खुलना और बंद होना संभव हो सकेगा। पूर्व में यह व्यवस्था एक दूसरे पर आधारित था।
इंटरलॉकिंग सिस्टम कार्य में रेलवे द्वारा करीब एक अरब रुपया खर्च किए जाने की संभावना है। इस कार्य के कारण इस रूट पर चलने वाली पैसेंजर से लेकर सभी एक्सप्रेस गाड़ियां रद्द रहेंगी। केवल महाबोधि एक्सप्रेस को देर सबेर चलाया जाएगा। कई गाड़ियों का रूट गया और मुगलसराय से परिवर्तित किया गया है। सोन नगर से गया रूट और पलामू रूट में चलने वाली ट्रेनों से यात्रियों के आवागमन हेतु डेहरी से सोन नगर तक रेलवे द्वारा यात्री बस चलायी जा रही है।
डीआरएम पंकज सक्सेना ने बताया कि महाबोधी एक्सप्रेस को छोड़कर सभी गाड़ियों का रुट परिवर्तित किया गया है। महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन गया से पटना के रास्ते मुगलसराय जाएगी।