आज का विषय: बलिदान दिवस
भारत देश की भूमि पर अनेक महापुरुषों ने अपनी मातृभूमि को स्वतंत्र कराने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है | आज हम इस अमृतदायनी धरा पर आजादी की साँस ले रहे हैं जिसका सम्पूर्ण श्रेय हमारे देश में जन्मे महापुरषों के दिए गए बलिदान को ही जाता है | बलिदान दिवस हमारे भारतवर्ष में प्रतिवर्ष 30 जनवरी को मनाया जाता है | इस दिवस को इस दिन ही मानाने का एक विशेष कारण है क्योकि इसी दिन 30 जनवरी वर्ष 1948 को हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की नाथूराम गोडसे द्वारा हत्या हुई थी, जिसके उपरान्त सम्पूर्ण देश में शोक धारा प्रवाहित हो गयी थी | महात्मा गांधी को आज भी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए याद किया जाता है। इतिहास में आज का दिन काले अक्षरों में दर्ज हो गया। हम महात्मा गांधी जी को उनकी 75वीं पुण्यतिथि पर सम्पूर्ण देश के नागरिकों द्वारा भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हैं |
ऐसी महान विचारधारा रखने वाले महापुरुष हमारे देश और हमारे अंतर्मन में सदैव जीवित रहेंगे और उनके द्वारा प्रेरक उद्धरण का हम अपने जीवन में अनुसरण करेंगे |
लेख का अंत महात्मा गाँधी जी के अनमोल प्रेरक उद्धरण से करते है |
महात्मा गांधी के प्रेरक उद्धरण
* भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम वर्तमान में क्या करते हैं।
* बिना विनम्रता के सेवा स्वार्थ और अहंकार है।
* भीड़ के साथ खड़ा होना आसान है। अकेले खड़े होने के लिए साहस की जरूरत होती है।
* पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।
* वह बदलाव बनें जिसे आप बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
* इंसान के रूप में हमारी सबसे बड़ी क्षमता दुनिया को बदलने की नहीं, बल्कि खुद को बदलने की है।
* मानवता की महानता मनुष्य होने में नहीं, बल्कि मानवीय होने में है।
* मैं किसी को भी अपने गंदे पैरों से अपने दिमाग से नहीं चलने दूंगा।
* कमज़ोर कभी माफ नहीं कर सकते। क्षमा ताकतवर की विशेषता है।