पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली पिछले दो माह से सुर्खियों में है. ईडी अधिकारियों पर हमले के बाद अब टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर महिलाओं पर अत्याचार करने और उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा है. इसके खिलाफ महिलाओं ने उग्र प्रदर्शन किया. इलाके में फिलहाल धारा 144 लागू है।
संदेशखाली में क्यों हुआ बवाल, क्या घटी घटना?
पश्चिम बंगाल का उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली पिछले दो महीने से सुर्खियों में है. टीएमसी नेता शाहजहां शेख के ठिकाने पर रेड डालने पहुंचे ईडी के अधिकारियों पर हमले किए गये. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी का सिर फट गया. 5 जनवरी को संदेशखाली की घटना की पूरे देश में सुर्खियां बनी. ईडी ने शाहजहां शेख के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. लुकआउट नोटिस जारी किया, लेकिन वह अब तक फरार है. पुलिस के नाक के नीचे से वह फरार हो गया, लेकिन डेढ़ महीने बाद ‘संदेशखाली’ फिर से सुर्खियों में है. स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर संगीन आरोप लगाए.
स्थानीय महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन छीन ली गयी. टीएमसी के नेताओं की गांव में रहने वाली महिलाओं और बेटियों पर नजर रहती थी. जो महिलाएं उन्हें अच्छी लगती थीं. वे रात में घर की महिलाओं को पार्टी कार्यालय ले जाया करते थे. उन्हें रात भर रखा जाता था और जब-तक उनका मन नहीं भर जाता. उन्हें नहीं छोड़ा जाता था. यदि महिलाएं नहीं जाती थीं तो सरकारी सेवाएं बंद कर दी जाती थी. अवर्णनीय अत्याचार होता था. जब वह पुलिस के पास गईं तो पुलिस ने शिकायत नहीं ली. बीडीओ कार्यालय जाने पर भी कोई फायदा नहीं हुआ.
अत्याचार के खिलाफ महिलाओं का उग्र प्रदर्शन
शाहजहां के साथ-साथ उनके निशाने पर दो और नाम उभर कर सामने आये हैं-उत्तर सरदार और शिबू हाजरा. टीएमसी के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी की मांग पर स्थानीय महिलाओं ने प्रदर्शन किया. महिलाओं ने टीएमसी के इन नेताओं के खिलाफ खुलकर प्रदर्शन किया. एक नहीं, दो-दो महिलाएं गांव-गांव से निकलकर सड़कों पर आ गईं. उनके हाथों में लाठियां, पेड़ की शाखाएं थीं. उन लोगों ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के घरों में आग लगा दी. संदेशखाली में बवाल मच गया. गुस्साई भीड़ ने शिबू हाजरा में एक पोल्ट्री फार्म में आग लगा दी. भीड़ घर में तोड़फोड़ करने लगी. मीडिया पर भी हमले हुए.
इसे संभालने में पुलिस को भी मशक्कत करनी पड़ी. इस बीच पुलिस ने जिला परिषद सदस्य उत्तम सरदार को गिरफ्तार कर लिया. तृणमूल ने उन्हें निलंबित कर दिया. लेकिन जेलियाखाली ग्राम पंचायत सदस्य शिबू गायब हैं. शाहजहा शेख की तरह वह भी गायब हो गया. इस बीच अशांति फैलाने के आरोप में बीजेपी नेता विकास सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया, सीपीएम के पूर्व विधायक शेखर सरदार को गिरफ्तार कर लिया गया
हालांकि शाहजहां शेख अभी भी फरार है. कुछ लोग कहते हैं कि शाहजहां संदेशखाली में ही है. कुछ लोग कहते हैं कि शाहजहां ने किसी सुनसान जगह पर शरण ले रखी है. इस बीच, संदेशखाली के कोने-कोने से उनके प्रभाव और प्रतिष्ठा की कहानी सामने आने लगी. सुनने में तो यह भी आता है कि सत्ता पक्ष में उनकी बहुत कद्र थी. लेकिन ठीक एक हफ्ते पहले संदेशखाली की स्थिति में नया मोड़ आ गया. मंत्री नहीं, विधायक नहीं, शेख शाहजहां जिला परिषद के अध्यक्ष हैं. पूरे इलाके में जगजाहिर है कि शाहजहां के इशारे के बिना संदेशखाली में एक पत्ता भी नहीं हिलता था. वामकाल में उनके उत्थान की कहानी भी बहुतों को मालूम है. उस दिन ईडी पर हमला करने वाले लोग शाहजहां के अनुयायी हैं. हालांकि, घटना के अगले दिन से एक ही सवाल सामने आता है कि शाहजहां कहां हैं? गांव से फरार हो गया, लेकिन पुलिस को पता ही नहीं चला? फरवरी के मध्य में भी कोई सुराग नहीं है.
जांचकर्ता शाहजहां को बुलाकर पूछताछ करना चाहते थे. शाहजहां को नोटिस पर नोटिस दिए जा रहे थे, लेकिन हाजिर नहीं हुआ. शाहजहां के ‘गायब’ होने के लगभग 24 घंटे बाद, एक कॉल रिकॉर्ड सामने आया, जिसके बारे में दावा किया गया कि यह शेख शाहजहां का है. उन्होंने पीछे से संदेश दिया कि कोई तृणमूल की छवि को नष्ट करने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे परेशान न हों.
अशांति के माहौल में संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दी गई. यदि विरोधी प्रवेश करना चाहते थे तो उन्हें रोक दिया गया. इस बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली का दौरा किया. उन्होंने महिलाओं की तमाम शिकायतें भी सुनीं. लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. हालांकि, उत्तम की गिरफ्तारी के बाद ममता ने कहा कि जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गयाl
सीआइडी डीआइजी सोमा दास मित्रा को संदेशखाली की महिलाओं से बात करने का जिम्मा सौंपा गया है. एक विशेष टीम बनाई गई है. बात करने पर उन्हें चार लिखित शिकायतें मिलीं. राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला आयोग के प्रतिनिधियों ने भी संदेशखाली का दौरा किया. राज्य महिला आयोग का दावा है कि उनसे किसी ने रेप की शिकायत नहीं की है. उधर, केंद्रीय महिला आयोग का दावा है कि शिकायत करने वाली महिलाओं के रिश्तेदारों के खिलाफ ही मामला दर्ज किया जा रहा है. इस बीच, कोर्ट ने कहा कि शिकायत को बेहद गंभीरता से देखा जाना चाहिए.
ये महिलाएं किसके खिलाफ बलात्कार और जमीन कब्ज़ा करने की शिकायत कर रही हैं? राज्य को इस सवाल का सामना करना होगा कि उनका क्या हुआ? कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों के दिलों में भरोसा नहीं लौट रहा है. संदेशखाली मुद्दे पर विपक्ष खुलकर सामने आ गया है. संदेशखाली में प्रवेश करने में असमर्थ, भाजपा ने बशीरहाट में विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस के साथ झड़प से रणक्षेत्र की स्थिति बन गयी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार रात में भी अपने रुख पर अड़े रहे. उन्हें भी मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में बुधवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान वह बेहोश हो गए।