विविधताओं से भरे भारत में आपको हर स्थान, शहर और राज्य में एक नई संस्कृति, भाषा, पहनावा और परंपरा देखने को मिलती है। यहां के हर जगह की अलग कहानी और अलग मान्यता है। भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण ही यहां आपको हर तरह का मौसम देखने को मिलता है। यहां पहाड़ों की बर्फ के साथ जेसलमेर के रेगिस्तान का लुफ्त भी प्राप्त होता है। गंगा के घाट पर गंगा आरती देखनी हो या दक्षिण भारत के खूबसूरत मंदिर, भारत में आपको सब देखने को मिलता है और वहीं भारत के धार्मिक त्योहार की तो बात ही अलग है। दिवाली हो या होली इन त्योहारों का लुफ्त उठाने के लिए खास तौर पर विदेशी लोग भारत आते हैं।
आंकड़ों की माने तो हर साल लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक भार की संस्कृति और यहां की पर्यटन स्थानों को देखने के लिए भारत आते हैं। 2019 के मुकाबले 2020 में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण पर्यटन बंद किया गया था, लेकिन उससे पहले यानी 2019 के आंकडों के अनुसार 17.9 लाख विदेशी भारत यात्रा के लिए आए थें। विदेशी यात्री पर्यटन के क्षेत्र में भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हर साल पर्यटन मंत्रालय द्वारा 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देना और अर्थव्यवस्था में पर्यटन की अहम भूमिका को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना है। राष्ट्रीय पर्यटन दिवस को हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। पर्यटन के माध्यम से न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है बल्कि इसके माध्यम से रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। इसके अलावा बाहर के देशों से आने वाले पर्यटकों को भारत की विरासत, संस्कृति, प्रकृति, स्मारकों आदि के माध्यम से देश की गौरवशाली इतिहास के बारे में ज्ञात होता है। आइए आपको इस दिवस के इतिहास और महत्व के बारे में विस्तार से बताएं।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का इतिहास वर्ष 1947 में हमारा देश आजाद हुआ था उसके एक साल बाद यानी 1948 में पर्यटक यातायात समिति की स्थापना की गई थी। भारत में पर्यटन को बढ़ावा भी उसी साल से दिया जा रहा है। पर्यटक यातायात समिति के कार्यलाय की स्थापना कई दिल्ली और मुंबई में की गई थी बाद में 1951 में चेन्नई और कोलकता में भी यातायात समिति के कार्यालय की स्थापना की गई। शुरुआती दशकों में भारत में पर्यटन इतना मजबूत नहीं था जितना आज के समय में है। खैर, उस समय भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1958 में पर्यटन से संबंधित एक विभाग की स्थापना की गई जो कि पर्यटन और संचार मंत्रालय द्वारा की गई थी।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का महत्व भारत की संस्कृति, विरासत और इतिहास लोगों को भारत की यात्रा करने के लिए आकर्षित करता है और इसमें पर्यटन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसका योगदान अर्थव्यवस्था के लिए भी
महत्वपूर्ण है। आपको बता दें की पर्यटन के माध्यम से देश में रोजगार अवसरों के साथ उद्योगों में भी बढ़ोतरी होती है, जो की एक महत्वपूर्ण कारण है पर्यटन को और मजबूत करने का क्योंकि इसके माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था पर अच्छा-खासा प्रभाव पड़ता है। भारत बहुत पुरानी सभ्यता है और इसकी विरासत के बारे में और अधिक जानना
विदेशी लोगों के साथ भारत के निवासियों की भी इच्छा होती है जिसके लिए घरेलु पर्यटन को भी अधिक बढ़ावा मिलता है।
पिछले कुछ सालों की थीम
2022 - पुनर्विचार पर्यटन: संकट से परिवर्तन तक
2021 - देखों अपना देश 2020 - पर्यटन और ग्रामीण विकास
2019 - पर्यटन और नौकरियां: सभी के लिए बेहतर भविष्य