आज का विषय : भारतीय सेना के लिए काला दिन : पुलवामा हमला
2019 का 14 फरवरी का दिन भारतीय इतिहास के सबसे दुखद दिनों में से एक रहेगा। उस दिन, कश्मीर के पुलवामा जिले में स्थित एक सुरक्षा कॉन्वॉय को एक आतंकवादी हमले का शिकार बना दिया गया। यह हमला कश्मीर में बढ़ते आतंकवाद के चीर हरण के समय में हुआ था। जब भारत के कुछ सैनिकों को देश की सेना के नाम पर आतंकवाद के नाम पर हत्या की गई। उन शहीदों के परिवार को हमारी ओर से श्रद्धांजलि दी जाती है और उनके बलिदान को याद करते हैं |
पुलवामा हमले की याद में हमें अपनी जवानों की वीरता को सलाम देना चाहिए। वे हमारी रक्षा के लिए खड़े रहे हैं और अपने देश के लिए अपनी जान दे रहे हैं। उनमें से बहुत सारे जवानों के परिवार अभी भी उनकी यादों में खोए हुए हैं। यह हमला हमारे जवानों की वीरता और त्याग को साबित करता है जिसका जिक्र हमेशा याद किया जाएगा।
यह हमला न सिर्फ भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक सबक सबित हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हमारे सैनिक जीवन की जोखिम उठाते हैं। उन्हें सम्मान देना हमारा फर्ज है।
इस हमले के बाद, भारत ने खुद को बचाने के लिए निर्णय किया कि उसे आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत ढांचा बनाना होगा। भारत ने अपने सेना और सुरक्षा बलों को और ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए कदम उठाए। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के साथ अपनी व्यापक वाणिज्य संबंधों को अस्थायी रूप से बंद करने का भी निर्णय लिया। इस हमले से भारत को कई रुपयों का नुकसान हुआ होगा। हालांकि, यह हमला भारत के सेना और सुरक्षा बलों को एक और विश्वसनीयता के स्तर पर ऊंचा करने में मददगार साबित हुआ।
आखिर में, हमें याद रखना चाहिए कि अपनी सुरक्षा के लिए हमारी सेना और सुरक्षा बल हमेशा तैयार रहते हैं। उनके त्याग और वीरता को हमेशा सम्मान देना चाहिए। भारत और उसके सशस्त्र बलों को इस तरह के हमलों से निपटने की क्षमता होनी चाहिए, ताकि यह तरह की घटनाएं दोबारा न हो सकें।
पुलवामा हमले ने सबक सबित किया है कि आतंकवाद एक गंभीर समस्या है और इससे निपटने के लिए एक व्यापक संयुक्त राष्ट्र के सहयोग की आवश्यकता है। हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए, जिससे इस समस्या से निपटा जा सके।
भारत के सभी नागरिकों को यह समझना होगा कि अगर हम सब मिलकर एकजुट हो जाएंगे तो हम सभी अपनी सुरक्षा के लिए जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं। हमें अपने देश के सशस्त्र बलों का समर्थन करना चाहिए और उन्हें सम्मान देना चाहिए, ताकि हम सभी सुरक्षित रह सकें।
समाप्त में, पुलवामा हमला एक अत्यंत दुखद और दर्दनाक घटना थी। इस हमले में शहीद हुए सभी जवानों को हमेशा याद किया जाएगा। हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए और भारत के सभी नागरिकों को इससे संबंधित जागरूक होना चाहिए। हमें अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी विधियों का सहयोग देना चाहिए। इस दुर्घटना के बाद से, भारत ने अपनी सुरक्षा के लिए बड़े कदम उठाए हैं। भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सेना की ताकत को बढ़ाया है। साथ ही, भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध एक विश्वस्तरीय अभियान चलाने का भी फैसला किया है। इस भारत के सबसे अधिक शोकाकुल घटना के बाद, हम सभी को समझना चाहिए कि हमें आपस में एक साथ खड़े होकर आतंकवाद से लड़ना होगा। हमें यह भी समझना चाहिए कि आतंकवाद किसी धर्म, जाति, या देश की विशेषता नहीं होता है। आतंकवाद केवल इस संसार की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालता है।
हमें अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को निरंतर सुधारने और सुरक्षित रखने की जरूरत है। हम सभी को आतंकवाद के खिलाफ एक होकर लड़ना होगा। हमें अपने देश को आतंकवाद से मुक्त बनाने के लिए जुटने की जरूरत है। हम आतंकवाद की जीत से नहीं, बल्कि शांति और सौहार्द की जीत से वापस आ सकते हैं। हमें अपने लोगों के साथ सहयोग करके दुनिया को दिखाना होगा कि हम एक हैं और हमें एक साथ लड़ना होगा। अंततः, हम सभी को यह समझना चाहिए कि आतंकवाद हमारी मानसिकता और संस्कृति से विरुद्ध है और हमें समूची दुनिया के साथ इसका सख्त रूप से निपटना होगा।
देश के शहीदों के लिए एक छोटी सी कविता है:
शहीदों के खून से रंगी है हमारी मिट्टी
अब नहीं है उनकी जुदाई से हमारी जिंदगी मुक्ति
पुलवामा की घटना ने हमें कराया था
याद वो शौर्य और बलिदान जिसने करवाया था
भारत की सेना, भारत की जवान
अपनी जानों की खुशी से तुम करते हो खुद का त्याग
हम सब हैं तुम्हारे साथ, तुम्हारे प्रति हमारी भावनाएं
जय हिन्द, जय जवान! हमेशा रहो सुरक्षित और शांति की रक्षा करो हमारे लिए!
धन्यवाद