हजारों ख्वाहिशें मेरी
ना दे पाई जिन्हें अल्फ़ाज़
ना तुम समझ पाए
अनकहे जज़्बात
है रिश्ते नाते कई दुनियां में
तेरे मेरे साथ सा होगा कहां
फिर भी अधूरे रह गए ख्वाब
चाहत फिर भी बेहिसाब
ख्वाबों आते तुम करने
मुलाकात
ये बात अलग है
रूबरू होती नहीं बात
आंखे हमारी बरसे
दीदार को तेरे तरसे
क्या हम आते नहीं
तुम्हे याद
सुने सुने है हमारे तो दिन रात
कितनी ही बातें तुम्हे है बतानी
चाहत है बने तेरी मेरी कहानी
बीते तेरी बाहों में
हसीन लम्हे
कुछ ऐसी हो मुहब्बत में बात
तुम्हारी ख़यालो मे गुम
हमारी सुबह और शाम
दिल धड़के लेकर तेरा ना
तुम हो बेखबर ये ओर है बात
सजाए मैंने कितने ही ख्वाब
जिंदगी बीते तेरे साथ
टूटे मेरे ख्वाब
छूटे एक दूजे के हाथ
ना तकदीर हमारे साथ
तेरे संग बीते खूबसूरत पल
वो प्यारे एहसास
भूल ना पाए दिल
तुम सदा रहे में दिल पास
तुम्हे नहीं हो याद
वो कुछ ओर है बात
बिन तेरे मेरा जीना
मुश्किल बड़ा ग़म
मुस्कुराकर पीना
दर्द का मेरे तुम्हे क्या है
एहसास??
तेरे मेरे रिश्ते में क्या नहीं
था कुछ भी खास??