एक दिन मिल जाना है
से
एक दिन मिल जाएंगे की
राहें सुहानी
खूबसूरत सा ख्वाब
तेरे मेरे इश्क की कहानी
मुहब्बत पर तकदीर की
नज़र लग गई
राहें तेरी मेरी जुदा हो गई
इश्क का अफताब
तेरे मेरे आंगन में मिला
उसकी किरणों से प्रेम का
गुलशन खिला
आफताब किसी बादल की ओट में
छिप गया
प्रेम का गुलशन अपना मुरझा गया
जाने क्यों शक गलतफहमी का
तूफान आया
गुलशन अपना उखड़ा
ख्वाब सारा बिखरा
दूरियों की जंजीर ने ऐसा जकड़ा
तेरे मन में जो इश्क का दरिया
सूखने लगा
प्रेम में मचलने वाला मन
मुझे रूठने लगा
मेरी आहत पर मिलती थी
तुम्हे राहत
आज मुझसे दूरी नहीं करती
तुम्हे बेचैन
जुदाई से अब क्या नहीं छीन जाता
चैन
मन बनी अब रुसवाई की
दीवार
दफन हो गया कहीं हमारा प्यार