डायरी दिनांक १०/०५/२०२२
शाम के सात बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं ।
आज वरिष्ठ अधिकारी से थोड़ा वाद विवाद हो गया। जिस कारण थोड़ा दिमाग खराब हुआ।
आज के दिन ही माता सीता धरती पर अवतरित हुई थीं। कथाओं के अनुसार माता सीता भूमि से उस समय अवतरित हुईं जबकि राजा जनक प्रजा के हित के लिये यज्ञ कर रहे थे और उस यज्ञ के विधान स्वरूप हल चला रहे थे। माता सीता इसीलिये भूमिजा नाम से भी जानी जाती हैं। धरती से जन्म लेने बाली माता सीता ने अपने अवतार का संवरण भूमि में समाकर ही किया। माता सीता के ऊपर जितना लिखा जाये, उतना कम ही है।
अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।