डायरी दिनांक १९/०५/२०२२ - प्रातःकालीन चर्चा
सुबह के आठ बजकर दस मिनट हो रहे हैं ।
आज रात में पथरी का दर्द उठने लगा। फिर लगभग पूरी रात परेशान रहा। पेनकिलर मम्मी के कमरे में थी। यदि रात को उन्हें जगाता तो फिर वह शायद ही सोतीं। चिंता में पूरी रात जगकर काट देतीं।
सुबह जगकर पेनकिलर ली और फिर से सोने लगा। आराम मिला और नींद भी आ गयी।
कहा जाता है कि भूत अदृश्य योनि के जीव हैं। जहाँ मनुष्यों में पृथ्वी तत्व की प्रधानता होती है, वहीं इन अदृश्य जीवों में आकाश तत्व प्रधान होता है।
पुराणों के अनुसार भूत शव्द का अर्थ जीव होता है। अदृश्य योनियों के जीवों के लिये प्रेत, वैताल, पिशाच आदि शव्दों का प्रयोग हुआ है।
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय दस - विभूति योग में भगवान श्री कृष्ण अपनी विभूतियों का उल्लेख करते हुए कहते हैं -
वेदानां सामवेदोस्मि, देवानास्मि वासवः
इंद्रियाणां मनस्चास्मि, भूतानामस्मि चेतना
इस तरह भूत तो हम सभी हुए। इसके अतिरिक्त अदृश्य शक्तियों का भी अस्तित्व निश्चित है। बहन शोभा शर्मा ने तो अपने जीवन की घटना को बताया भी है। मेरी जानकारी में भी कई लोग अदृश्य शक्तियों से पीड़ित रहे हैं। सिरसागंज में मेरे घर के पास एक युवक प्रेत बाधा से इतना परेशान था कि वह सूखकर कांटा हो गया। किसी भी डाक्टरी जांच में कोई समस्या नहीं मिली। और वह स्वस्थ भी हुआ तो शिकोहाबाद के बालाजी मंदिर में।
अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।