डायरी दिनांक १६/०५/२०२२
शाम के छह बजकर पांच मिनट हो रहे हैं ।
अवकाश होने के बावजूद भी आज सुबह सुबह आफिस जाना पड़ा। सुबह ही अनुमान लग गया कि कुछ सेवाएं बाधित हैं। फिर सुबह सुबह आफिस पहुंचकर सब सही किया। इस काम में एक घंटे से भी अधिक समय लग गया।
मेरा व्यक्तिगत मानना यह है कि मेरी जिम्मेदारी विभाग के प्रति है न कि किसी व्यक्ति के प्रति। अक्सर विभाग की समस्या देख बिना कहे कार्यालय पहुंच जाता हूँ पर यदि लगे कि सामने बाला मात्र अधिकारीपन दिखाने के लिये आफिस बुला रहा है, तब मैं बिलकुल नहीं जाता। शायद यही मेरी खराबी है। जबकि बहुत सारे लोग मात्र चमचागिरी कर अपनी नौकरी पूरी कर रहे हैं।
क्या कंस को शिशु वध के लिये देवर्षि नारद ने प्रेरित किया था। मेरी जानकारी के अनुसार यह सत्य नहीं है। देवर्षि नारद ने प्रत्येक को सद्भार्ग और सदाचार की ही शिक्षा दी है। जितने ग्रंथ मैंने पढे हैं, उनमें कहीं भी देवर्षि के विषय में ऐसा चित्रण नहीं है। कंस को शिशु वध के लिये उसके राक्षस मित्रों ने ही प्रेरित किया था।
आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व है। भगवान बुद्ध लगभग पूरे विश्व में सम्मानित किये जाते हैं। उन्होंने अहिंसा मार्ग पर जोर दिया था। समाज में व्याप्त बहुत सी बुराइयों का उन्होंने खंडन किया था। कह सकते हैं कि भगवान बुद्ध एक आलौकिक व्यक्ति थे जिनके विरोधी भी उनके शरणागत बन गये। चाहे अंगुलिमाल डाकू हो, मगध नरेश विंदुसार हों अथवा नगरवधू आम्रपाली, सभी भगवान बुद्ध से प्रभावित हुए थे। संभवतः भगवान कृष्ण और राम के बाद विश्व में सबसे अधिक साहित्य भगवान बुद्ध पर लिखा गया है। लाइट ओफ एशिया भगवान बुद्ध के जीवन पर लिखा विश्व प्रसिद्ध काव्य है।
अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।