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डायरी दिनांक ०१/०५/२०२२

1 मई 2022

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डायरी दिनांक ०१/०५/२०२२

दोपहर के एक बजकर बीस मिनट हो रहे हैं ।

  शुभाशुभ का जीवन में क्या महत्व है। नवीन कार्य हमेशा शुभ समय पर ही किया जाता है। उम्मीद यही रखी जाती है कि आगे सब शुभ होगा। फिर भी बहुधा ऐसा होता नहीं है। यथार्थ में कोई भी शुभ मुहूर्त किसी को उसके कर्म फल प्राप्ति से रोक नहीं सकता है।

  पड़वा के दिन कोई भी नवीन कार्य नहीं करना चाहिये। मम्मी का यही विचार है। इसलिये परसों दिनांक ०३/०४/२०२२ को नवीन मकान में शिफ्ट होने का विचार है। दिनांक ०३/०४/२०२२ को अक्षय त्रितिया भी है। भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी उसी दिन मनाया जायेगा। उस दिन ईद का अवकाश भी रहेगा।

  आज सुबह काफी सामान पैक कर लिया। फिर थोड़ा आराम करने लगा। अभी जगा और फिर कुछ और पैकिंग का कार्य आरंभ किया। हालांकि कुछ सामान ऐसा है जो कि अंतिम समय पर ही पैक किया जा सकता है। फिर भी कम उपयोगी सामान को बंद कर लेना ज्यादा उचित रहता है।

  मम्मी की खांसी अभी तक ठीक नहीं है। और कल की दिक्कत के बाद अभी तक पूरी तरह स्वस्थ अनुभव नहीं कर रहा हूँ। इसके उपरांत भी कार्य तो करने ही हैं।

  प्रतिलिपि पर मई महीने के लिये सीरीज लेखन का आरंभ हो चुका है। पर मेरी नवीन लेखन तो नवीन घर में ही आरंभ होगा। जबकि नवीन साहित्य की तरफ मैं अपना ध्यान केंद्रित कर पाऊंगा।

  अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।


कविता रावत

कविता रावत

नव गृह प्रवेश की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं

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गृह प्रवेश की अग्रिम शुभकामनाएं।🚩

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