हे मात! रख दे हाथ,दे आशीष यह,देता हूं कह,इस रक्त का कण-कण समर्पित,होगा तेरे नाम पर,दे दे कवच -तलवार,न होगी हार,यह आशीष दे ।लेकर चरण-रज धूल तेरा,करता है प्रण यह पुत्र तेरा,नत न होगा भाल मेरा,हर वेदना,
🌷🌹"भारतीय नौसेना के साहसिक नौवीर"🌹🌷
जिस माँ की कोख से जन्मा यह संतान
वह माँ बनती है महान
वह न सिर
रात्रि का प्रथम पहर टिमटिमाते प्रकाश पुंजों से आलोकित अंबर, मानो भागीरथी की लहरों पे, असंख्य दीपों का समूह, पवन वेग से संघर्ष कर रहा हो। दिन भर की थकान गहन निद्रा मे परिणत हो स्वप्न लोक की सैर करा रही थी, और नव कल्पित आम्र-फूलों की सुगंध लिए हवा धीमे धीमे गा रही थी । कुछ
क्या फिर होगी भारत में गुलामी ?क्या फिर देनी पड़ेगी देश के दुश्मनों को सलामी?क्यों ज़रूरी है देशद्रोहियों-शत्रुओं पर वार लगातार?सारा भारत एक,फिर भी घूम रहे अंग्रेज़ अनेक,भारत का कारोबार बेच,भारत को कुचलते मसलते लूटते फिरंगी शत्रु अनेकोनेक।ल
जय भारतीय रक्षक वीर,मत लेना विरोधियों का खीर-नीर,विरोधियों का सीना देना चीर,जैसे ही कर्तव्य पथ पर वे हों अधीर। तुम्हें देशभक्त शीश नवाते,तुम्हारी जीत के जश्न मनाते,तुम हम सभी क