एक व्यक्ति का व्यक्तित्व उस व्यक्ति की सोच पर हीं निर्भर करता है। लेकिन केवल अच्छा विचार का होना हीं काफी नहीं है। अगर मानव कर्म न करे और केवल अच्छा सोचता हीं रह जाए तो क्या फायदा। बिना कर्म के मात्र अच्छे विचार रखने का क्या औचित्य? प्रमाद और आलस्य ए
स्त्री ,पुरुष, बच्चे को सर्पदंश या सांप के काटने पर (बाबा) तेजाजी महाराज के नाम की उतरी(दागां) बांधा जाता है। जिससे जहर का असर नहीं होता। और 12 माह में एक बार मेला लगने पर बाबा के यहां मंदिर या चबूतरे पर उतरी( तातं) काट दी जाती।
इस संसार में भगवान का नाम भगवान से बड़ा है ! नामी की पहचान नाम से ही होती है ! नाम की महिमा का गुणगान आदिकाल से होता चला चला आया है ! नाम की शक्ति , नाम का आकर्षण एवं नाम का प्रभाव सर्वविदित है ! किसी भी व्यक्ति की पहचान दो प्रकार से होती है ! प्रथम
प्रियप्रवास अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध" की हिन्दी काव्य रचना है। हरिऔध जी को काव्यप्रतिष्ठा "प्रियप्रवास" से मिली। इसका रचनाकाल सन् 1909 से सन् 1913 है। "प्रियप्रवास" विरहकाव्य है। कृष्णकाव्य की परंपरा में होते हुए भी, उससे भिन्न है। "हरिऔध" जी ने
इस पुस्तक में धर्म और अधर्म के बारे में बताने की कोशिश की गई है। मानव जीवन का सत्य उद्देश्य क्या है, उसकी व्याख्या की गई है। मानव जीवन में भक्ति की महता को निरुपीत किया गया है। साथ ही नारायण और उनके भक्तो का मधुर संबंध दृष्टांत के द्वारा बतलाया गया ह
जयश्रीकृष्ण पाठकगण सुधिजन व मित्रगण। यह किताब मैने आपके निमित्त "श्रीमद्भागवत गीता जी" के कुछ शब्दो को सही सही विवेचन अपनी बौद्धिक कौशल के आधार पर आपकी भेंट करने की कोशिश की है। आशा है इन्हे समझकर गीता जी पढनी आसान लगेगी।एक प्रयास है आशा ह
*चमत्कार को नमस्कार :- * महादेव_का_वह_मंदिर जहाँ पर #मृत_व्यक्ति भी कुछ समय के लिए #जीवित होता है----* #महामंडेस्वर महादेव जिनका मंदिर है #देहरादून से 128 km दूर #लाखामंडल नामक स्थान पर-- यह बही स्थान है जहाँ पर #पांडवो को #लाखामहल बनवा कर #कौरवों
नारी आद्याशक्ति , सृष्टि का मूल एवं नर की जन्मदात्री है ! नवरात्र जैसे पावन अवसर पर महादुर्गा के विभिन्न स्वरूपों मे नारी शक्ति का पूजन सम्पूर्ण समाज करता है परंतु वह यह भूल जाता है कि उनके घर में जो नारी है वह भी उसी जगदम्बा का अंश है ! नारी जगतजननी
आपको अपनी सारी चिंता, खुदा पर छोड़ देनी चाहिए। अगर आपने अपने पूरे विश्वास के साथ प्रभु यीशु मसीह को ग्रहण किया है तो?* आप आज से चिंता करना बिलकुल बंद कर दो। दुनियां के लोग क्या कह रहे हैं। चर्च के लोग क्या कह रहे हैं। इस बात की चिंता ना करो। खुदा के
महाभारत की कहानी पर आधारित अनगिनत टेलीविज़न सीरियल और फ़िल्में अनगिनत भाषाओँ में बनाई गई हैं और इन सारी कहानियों में द्रौपदी द्वारा दुर्योधन के मजाक उड़ाए जाने को दिखाया गया है। लेकिन क्या वास्तव में उनका दावा वास्तव में महाभारत ग्रन्थ में लिखी गई तथ
महाभारत की कथा पर आधारित यह एक ऐसा उपन्यास है, जिसमें आचार्य जी ने कर्मयोग के महत्व को बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। राजनीति में पारंगत कर्मयोगी कृष्ण और भावना की साकार प्रतिमा राधा का जैसा चित्रण ‘धर्मोरक्षति’ में हुआ है,
सनातन संस्कृति ज्ञान
इस किताब के माध्यम से ओशो समझाते हैं कि जन्म और मृत्यु एक ही सिक्के को दो पहलू हैं। जन्म और मृत्यु को मिलाकर ही पूरा जीवन बनता है। जो अपने जीवन को सही और पूरे ढंग से नहीं जी पाते, वही मृत्यु से घबराते हैं। सच तो यह है ओशो जीवन को पूरे आनंद के साथ जीन
इस आयाम के अंतर्गत, मैं नवरात्रि पर्व से सम्बंधित लेख, क्विज़ तथा अन्य रचनायें साझा चाहूंगी!
भाग- 1. एक साधारण सा दिखाई देने वाला सनातनी धर्म संस्कृति का प्रतीक, लगभग भारत के हर घर में अपना एक विशिष्ठ स्थान रखता है। जिसके प्रस्फुटन मात्र से दसों दिशाएं गुंजायमान हो उठती हैं। मान्यता है कि शंख बजाने से जहां तक उसकी ध्वनि जाती है, वहां तक सभी
मोहब्बत की की, मैंने मोहब्बत की। खाटू वाले श्याम धनी से मैंने मोहब्बत की। खाटू वाला श्याम मेरा सारे जग का स्वामी है। सबको सहारा देने वाले हारे का सहारा कहलाने वाले खाटू श्याम जी लखदातार है। मेरे सरकार है। मेरे भगवान है। भक्तों का