गीत.....
मुखड़ा- 15-11 पर यति, अंतरा का मात्रा भार- 26
तोता मैना की कहानी , तो पुरानी मितवा
यादें आई आज अपनी, वो रवानी मितवा……याद आई आज........
वो बचपना गया, दादी माँ थी सीधी सादी
कान पकड़े कलाई, अँगुली हंस के दबा दी
दूध भात भर कटोरा, करें चाँद से निहोरा
भूख भय बिना मलाई, बरजोरी एक कौरा
आँचल करता मुंह धुलाई, वो ढिठानी मितवा...... याद आई आज........
दिन बिते गिन गिन रैना, प्रतिपल मन मोह मैना
कर गई खूब मनमानी, चित चोरनी वो चैना
अब रही न नादानी, कब छोड़ गई दीवानी
उम्र रखती निशानी, तस्वीरें बहुत पुरानी
घायल करती थी जवानी, वो दिवानी मितवा......याद आई आज......
मिल तोता मैना गाए, खुश हो चांच मिलाए
पग पायल छमकाए, घुँघरू भी राग मिलाए
उड़ें दूर दूर दर देश, मन भाए सुख संदेश
दिल मिलते पलक निमेष, ठेस न देना करुणेश .........राहत देती वो निशानी, यह कहानी मितवा.......
याद आई आज अपनी, वो रवानी मितवा......
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी