ये वीडियो आजमगढ़ से चला है और खूब वायरल हो रहा है. एक लड़के को बेंच पर बांधकर पीटा जा रहा है और करंट लगाया जा रहा है. आदमी मारे दर्द के छटपटाए जा रहा है. वीडियो इस बात के साथ फैलाया जा रहा है कि ये पीटा जाने वाला आदमी हिंदू है. पीटने वाले मुसलमान हैं. वीडियो के साथ ये कैप्शन संलग्न है, “हिंदू युवक को बेरहमी से मुसलमानों ने मारा क्योंकि ये लोग प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को गाली दे रहे थे और ये हिंदू आदमी इनको रोक रहा था.” कुछ बड़े मीडिया संस्थानों ने इसी तरह से इसकी खबर भी कर दी.
लेकिन ये खेल अलग है और इसको लेकर जो क्लेम किया जा रहा है, वो झूठ है. ये सच है कि लड़के को बांधकर पीटा गया और इलेक्ट्रिक शॉक दिए गए. लेकिन इसका गाली कनेक्शन नहीं है. इसके पीछे की वजह मोबाइल चोरी है. जिसकी सजा इसको इन लोगों ने अपने तरीके से दी. पुलिस ने इन पिटैयावीरों के नाम भी अपने रोजनामचे में लिख लिए हैं यानी अब सजा देने वालों को सजा मिलेगी, अगर कानून टाइम से काम कर गया तो.आज तक चैनल के वीडियो को ट्वीट करते हुए क्रिकेटर आरपी सिंह ने यूपी पुलिस को टैग किया था. यूपी पुलिस ने उस पर जवाब देकर मामला साफ किया है. जब ये खबर फैलना शुरू हुई तो किसी को इस आदमी का नाम भी नहीं मालूम था. अब जाकर पता चला है कि ये शिवकुमार है. बाप का नाम गोपालदास है. सरायमीर का रहने वाला है. मोबाइल चुराने के इल्जाम के साथ इनको घर से उठा लिया गया था और ऐसे टॉर्चर किया गया. 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. 4 लोगों को अरेस्ट भी कर लिया गया है. सबसे बड़ी बात कि इसको पीटने वाले दोस्त ही हैं. ऐसी दोस्ती के सदके जाएं, लेकिन पुलिस वाले का बयान आजतक चैनल के वीडियो में संलग्न है, कोई भी देख सकता है.