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मिस्ट्री मर्डर

26 मार्च 2022

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इंस्पेक्टर विक्रमसिंह के पास दोनों लड़कियों जूली और सुंदरी की जाँच रिपोर्ट आ गईं। रिपोर्ट देखकर इंस्पेक्टर विक्रमसिंह व रोहित सकते में आ गए। दोनों लड़कियों का भरपूर यौन शोषण हुआ था और उन दोनों की एक-एक किडनी व लिवर का कुछ हिस्सा गायब है।
“इसका मतलब यह निकलता है रोहित “आई केयर” अस्पताल में सेक्स ट्रैफिकिंग व ह्यूमन पार्ट्स तस्करी का धंधा फल-फूल रहा है। अब कुछ-कुछ समझ में आ रहा है कि वे दोनों लड़कियां “आई केयर” अस्पताल की बिल्डिंग देखकर इतना सहम क्यों गईं थीं। लाख मनाने व कोशिश करने के बाद भी वे वहाँ इलाज कराने के लिए क्यों नहीं उतर रही थी।” विक्रमसिंह ने रिपोर्ट देखते हुए अनुमान लगाया। 
“एक मिनट, इंस्पेक्टर विक्रमसिंह, यदि मैं गलत नहीं हूँ तो इंस्पेक्टर नील भी अपने डिप्रेशन का इलाज कराने आई केयर अस्पताल डुमरी ही जाया करते थे।” रोहित ने याद करते हुए कहा। 
“बिल्कुल ठीक कह रहे हो इंस्पेक्टर, नील कई बार वहाँ भर्ती हुआ था। डुमरी में बच्चों के गायब होने की जाँच के लिए मैं कल डुमरी गया था। मुझे भी जैसे ही याद आया, मैं स्वयं अस्पताल गया था रिकॉर्ड चैक करने के लिए कि इंस्पेक्टर नील को आखिर ऐसी कौन सी बीमारी थी जो वह इलाज के लिए बार-बार डुमरी ही जाया करता था। पर सारा रिकॉर्ड डॉक्टर अपनी सुरक्षा में रखता है और वह विदेश यात्रा पर गया हुआ है।” विक्रमसिंह ने पूरी बात बताई। 
“इंस्पेक्टर, हो सकता है जिस गोरखधंधे की जानकारी हमें अभी हो रही है। नील को उसके बारे में पता चल गया हो और वह बहाने से वहाँ भर्ती होकर खुफिया सबूत इकट्ठे कर रहा हो।” इंस्पेक्टर रोहित ने संभावना जताई। 
“बिल्कुल यही मुझे भी लगता है। वर्ना अपने शहर बरामऊ के बड़े-बड़े अस्पताल छोड़कर कस्बे के अस्पताल में इलाज के लिए वह क्यों जाता। अब हमें पक्का यकीन हो गया है कि वहाँ संदिग्ध गतिविधियां चल रही हैं और इंस्पेक्टर नील को कुछ पुख्ता सबूत मिल गए होंगे जिससे उसका मर्डर कर दिया गया।” इंस्पेक्टर विक्रमसिंह ने पक्के यकीन से अपनी राय रखी। 
बहुत देर से चुप बैठे चेंकी जासूस ने भी इंस्पेक्टर नील की हत्या ही होने की संभावना जताई, “मुझे तो पहले ही दिन से पक्का यकीन हो रहा था कि इंस्पेक्टर नील की हत्या हुई है। इसीलिए मैं अपने जांबाज इंस्पेक्टर की मृत्यु का खुलासा करने के लिए बिना पैसे के स्वेच्छा से जासूसी करने में लगा हुआ हूँ। पर कातिल बहुत ही शातिर दिमाग, अत्याधुनिक तकनीक का जानने वाला है। हत्या स्थल पर उसने हत्या का कोई सबूत तक नहीं छोड़ा है।”
“हत्यारा कितनी ही सावधानी रखे पर अंततः वह पकड़ा ही जाता है। दोनों लड़कियां ठीक हो जाएं उनको गवाह बनाकर दोषियों को सजा दिलवाई जा सकती है।” विक्रमसिंह ने चेंकी को दिलासा दिलाया। 
“ओ, नो,  मैं इतनी बड़ी गलती कैसे कर गया। उन दोनों लड़कियों को बिना किसी सुरक्षा के इलाज के लिए छोड़ आया। अपराधियों तक खबर पहुंचे इससे पहले उनकी सुरक्षा के इंतजाम करने पड़ेंगे। वर्ना उनकी जान को खतरा हो सकता है।” इंस्पेक्टर विक्रमसिंह ने तुरंत डुमरी थाने में फोन कर लड़कियों को चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा में रखने के निर्देश दिए। 
“क्यों पत्रकार रिपुदमन सिंह जी, आप चुप क्यों बैठे हैं। डर तो नहीं गए कि कहां फँस गया।” विक्रमसिंह ने माहौल को हल्का किया। 
“सही पकड़ा इंस्पेक्टर साहब, मैं सीधा सादा छोटा पत्रकार हूँ। पर उस दिन के बाद से तो मुझे बहुत डर लग रहा है कि कहाँ मैंने बर्र के छत्ते में हाथ डाल दिया।” रिपुदमन सिंह का भय उभर आया। 
“कैसे पत्रकार हो, तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि तुम एक बहुत बड़े मिशन से जुड़े हो। अपराधी पकड़ा जाएगा तो तुम्हारा नाम भी होगा। आखिर सुराग के सूत्र की शुरूआत तुम्हारी रिकॉर्डिंग ने ही तो कराई है।” विक्रमसिंह ने हौसला दिया। 

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“यार जासूस अंटा, तुम अपने दोस्त से पता करो कि उसके पास ऐसी कोई डिवाइस है क्या? जिससे हमें डुमरी के अस्पताल से संदेश पूर्णतः गुप्त रूप से मिल सकें। जिसको रास्ते की कोई डिवाइस रिकॉर्ड न कर पाए। हमारी खोज व जानकारी की भनक अपराधियों को न लग पाए और हम अस्पताल पर पूरी निगाह भी रख सकें। हमारे वहाँ जाए बिना पूरे सबूत भी इकट्ठे होते जाएं।”
“फिलहाल तुम अपना एक नेत्र आई केयर अस्पताल डुमरी में भेज दो। वहाँ की पल-पल की खबर मुझे चाहिए। हो सकता है डॉक्टर घोष विदेश जाने का बहाना कर, वहीं कहीं छिप कर बैठा हो। यदि उसे थोड़ा सा भी शक हो गया तो वह सारा रिकॉर्ड गायब कर देगा। अस्पताल में चल रही संदिग्ध गतिविधियाें को रुकवाकर सारे सबूत नष्ट करा देगा।” विक्रमसिंह ने जासूस अंटा से सतर्कता के साथ नेत्र लगाने के लिए कहा। 
“सॉरी सर, हमारे पास तीन नेत्र हैं। दो नेत्र कब्रिस्तान में लगे हुए हैं। एक नेत्र किसी तीव्र मैग्नेटिक एरिया के संपर्क में आकर मिसिंग हो गया है। एक मूविंग नेत्र है पर वह उससे लिंक चिप के सहारे ही काम करता है। हम पहले ही सैमुअल से चार नेत्र उधार पर ले चुके हैं। अभी तक तो हमारी हालत इनकम निल बटे सन्नाटा, खर्चा दे रहा झन्नाटा।” अंटा जासूस ने मजबूरी दिखाई। 
“तुम सैमुअल से बात करो। उसके पास एक और नेत्र हो तो मंगवा कर डुमरी भिजवाने की व्यवस्था करो। पैसे मैं विभाग से दिलवा दूँगा।” विक्रमसिंह ने अंटा की मजबूरी समझते हुए सुझाव दिया। 
“सर, डुमरी अपने बरामऊ से पच्चीस- तीस किमी की दूरी पर होगा। अभी तक जो नेत्र हैं उनका दायरा दस किमी का है। सैमुअल से और अधिक पावरफुल नेत्र बनवाना पड़ेगा।”
“नो प्रॉब्लम जूनियर जासूस।”
“ठीक है सर, हम सैमुअल से बात करते हैं।” अंटा ने जबाव दिया। 
अंटा ने सैमुअल से मोबाइल पर बात की और शाम को ऑफिस आने के लिए कहा,“यार सैमुअल तुम शाम को हमारे ऑफिस आ जाओ। इंस्पेक्टर विक्रमसिंह ने कुछ नई डिवाइस के लिए चर्चा करने के लिए कहा है। एक केस की पड़ताल में चाहिए। आमने-सामने बैठकर बात करना ज्यादा उचित रहेगा।”
सैमुअल शाम को ऑफिस में आ गया। सबसे पहले तीस किमी की रेंज वाले नेत्र पर चर्चा हुई। सैमुअल ने उपलब्ध नेत्र में परिवर्तन कर तीस किमी की रेंज की क्षमता वाले नेत्र को कल ही देने का वादा किया। 
अन्य डिवाइस पर चर्चा करने पर उसके द्वारा एक बार बनाई गई चार पाँच डिवाइस बताई गई। 
“करीब-करीब चार पाँच वर्ष पहले मैंने ऐसी डिवाइस बनाई थी। कई साइंस फेयर में उनका प्रदर्शन भी किया था। मेरी डिवाइस की सभी ने खूब प्रशंसा की थी किंतु बहुत उपयोगी होते हुए भी किसी विभाग ने मुझे मदद नहीं की। कुछ निजी कंपनियों ने केवल कुछ पैसे ऑफर कर पूरी तकनीक अपने नाम पर उपयोग करने की शर्त रखी थी। तुम ही बताओ अंटा, मैं अपनी मेहनत से बनाई गई डिवाइस को किसी दूसरे के नाम से बाजार में कैसे देख सकता था। उन साइंस फेयर का मुझे तो एक ही मकसद दिखा, टेलेंट को प्रोत्साहित करने की कोई मंशा नजर नहीं आई बल्कि हर किसी को दूसरे के अनुसंधान पर अपनी वाहवाही और नाम चाहिए था। इसलिए अब मैंने इन सब में जाना छोड़ दिया है।”
“तुमने जो डिवाइस बनाई थी, वे क्या थी और अब कहाँ हैं।” चेंकी जासूस ने पूछा। 
“सर, उन डिवाइस के बनाने में मेरे ऊपर बहुत कर्ज हो गया था। इसलिए एल्बर्ट नाम के मुखबिर, जिसने मुझे कर्ज की पूरी राशि के साथ दस प्रतिशत मुनाफा ऑफर किया था, को मैंने सारी डिवाइस दे दी थी।”
सैमुअल ने बताया। 
“पर वे डिवाइस कौन कौन सी थीं। वे कैसे काम करती थीं।” अंटा ने सैमुअल से जानना चाहा। 
“मैं अपना लेपटॉप लेकर आता हूँ। तब अपनी डिवाइस के बारे में विस्तार से समझाता हूँ।” सैमुअल अपना लेपटॉप लेने के लिए चला गया। 
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लगभग आधे घंटे में सैमुअल अपना लेपटॉप लेकर चेंकी जासूस के ऑफिस वापस आ गया। सबसे पहले तो उसने “नेत्र” में जरूरत अनुसार मॉडीफिकेशन कर, कल तक तैयार करने का आश्वासन दिया। 
इसके साथ ही अभी तक उसके स्वयं के द्वारा बनाई गई डिवाइस का डेमो लेपटॉप पर दिखाया, “ये डिवाइस “हस्ती” है। जिस तरह से हाथी अपश्रव्य ध्वनि तरंगों के माध्यम से बातें करते हैं, उसी सिद्धांत को लेकर ये डिवाइस तैयार की गई है। चूँकि यह एक स्पाई डिवाइस है इसलिए इसको मैंने सूँड ऊपर किए हुए हाथी के मुँह की तरह ही डिजाइन किया है। यह सामने रखे होने पर एक शो-पीस की तरह दिखती है और किसी को शक नहीं होता है।”
“अब मैं इसकी कार्यप्रणाली समझाता हूँ। जब हम इसके काननुमा स्ट्रक्चर में कुछ संदेश बोलते हैं। इसमें लगा रिसेप्टर संदेश रिकॉर्ड कर लेता है और माथे के नीचे लगा यंत्र श्रव्य तरंगों की आवृति परिवर्तित कर अपश्रव्य तरंगों के रूप में सूँड के माध्यम से वायुमंडल में छोड़ देता है। जैसे ही तरंगें स्प्रैड होकर हवा में फैलती हैं, दूसरे छोर पर लगी लिंक्ड डिवाइसेज तरंगों को कैच करती हैं और तरंगों को टाइप्ड मैसेज में कन्वर्ट कर लेती हैं। एक बीप की आवाज के साथ मैसेज कम्प्यूटर में रिकॉर्ड हो जाता है। इसकी एक और खासियत है जैसे ही मैसेज रीड हो जाता है, सिस्टम से सब कुछ ऑटोडिलीट हो जाता है।”
“वाह सैमुअल, वाह, क्या लाजवाब डिवाइस बनाई है तुमने “हस्ती”। ये तो बहुत काम की चीज हो सकती है हमारे जासूसी के व्यवसाय में।” चेंकी और अंटा दोनों उछल पड़े। 
पत्रकार रिपुदमन सिंह आश्चर्य से मुँह फाड़े हुए सैमुअल और हस्ती को देखता रहा। 
“पर यह हस्थि है कहाँ। इसे अभी तुमने बनाया भी है कि अभी तक सिर्फ परिकल्पना ही है।” अंटा ने सैमुअल से जानना चाहा। 
“ये हस्ती मैंने बनाया था कई इनोवेटिव कॉन्क्लेव में प्रदर्शन भी किया था। सभी ने तारीफें बहुत की पर विजेता हर बार भाईभतीजा वाद वाला ही हुआ। इससे हमें कोई आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं हो पाई। मजबूरन कर्ज चुकाने के लिए ये डिवाइस मुखबिर एल्बर्ट को देनी पड़ी।” सैमुअल निराश हुआ।
“बहुत ही अफसोसजनक। सभी बातें बड़ी-बड़ी व आदर्शों की करते हैं पर युवा वैज्ञानिकों को आगे कोई नहीं बढ़ाना चाहता है। पर तुम चिंता मत करो, इस मिशन के अपराधियों की धर-पकड़ हो जाने दो। पुलिस विभाग के माध्यम से तुम्हारा नाम राष्ट्रीय सम्मान के लिए भिजवाने का वादा करता हूँ। मेरा विश्वास है कि वर्तमान प्रधानमंत्री तुम्हारे आविष्कारों का जरूर नोटिस लेंगे और तुम सम्मानित होगे।” चेंकी जासूस और जासूस अंटा ने एक साथ कहा। 
“मैं भी मीडिया के माध्यम से तुम्हारे नाम की संस्तुति कराऊंगा।” पत्रकार रिपुदमन सिंह ने भी प्रोत्साहित किया। 
“मैंने “हस्ती” में एक मॉडीफिकेशन और सोच रखा है। रिकॉर्डिड मैसेज के खुलने से पहले एक सेंसर के द्वारा मैसेज रिसेप्टर का फिंगर या फेस रिकॉग्नीशन और कराऊंगा। यदि किसी अन्य के द्वारा मैसेज पढ़ने की कोशिश की जावेगी तो मैसेज इनक्रिप्टेड ही रहेगा।” सैमुअल ने आगे की योजना बताई। 
“बहुत बढ़िया, एक्सीलेंट, पर ये हस्ती अभी तुम्हारे पास नहीं है। कितना समय लगेगा इसे तैयार करने में।” चेंकी ने पूछा। 
“बस एक दिन। मुझे ज्यादा कुछ नहीं करना है। कुछ चिप बगैरह बाजार से लानी हैं। दोस्तों की मदद से थ्री-डी प्रिंटर से हस्ती बनवाकर यंत्र फिट कर देने हैं और कोडिंग कर देनी है।” सैमुअल ने विश्वास पूर्वक बताया। 
“ठीक है, मैं इंस्पेक्टर साहब से फंडिंग कराने की बात करता हूँ। तुम्हें फिलहाल दो हस्ती तैयार करने हैं।” चेंकी जासूस ने आश्वासन दिया। 
“ओ के।”
“अब तुम और डिवाइस के बारे में जानकारी दो।” जासूस अंटा ने सैमुअल से कहा। 
“बिल्कुल।” सैमुअल लेपटॉप पर दूसरी डिवाइस का डेमो दिखाने के लिए सर्च करने लगा। 

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“ये एक दूसरी पावरफुल डिवाइस “गिद्ध” है। जैसे गिद्ध पक्षी की दृष्टि बड़ी तेज होती है। बहुत ऊंचाई से वह छोटी से छोटी चीज को देखने की क्षमता रखता है वैसे ही मेरा बनाया हुआ गिद्ध एक नजर में ही पूरी किताब को स्कैन करने में कामयाब रहता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि किताब के पन्ने पलटने नहीं पड़ते हैं। बिना पलटे हुए पन्ने दर पन्ने स्कैनिंग होकर फोटो चिप में सुरक्षित होते जाते हैं।”
“इसको भी बहुत छोटे से खूबसूरत पक्षी का डिजाइन दिया है। जिससे यह भी शो-पीस जैसा दिखाई पड़े। इसकी आँखों में बहुत ही पावरफुल लेंस लगे हैं। ये लेंस आँखों की पुतलियों की तरह ऑटो फोकस होते हैं। लेंस के पीछे रेटिना की तरह चिप लगी हुई है। इसकी एक और बड़ी खासियत इसकी स्पीड है। एक मिनट में पचास पेज स्कैन कर सकती है और चिप में सुरक्षित रखने के साथ-साथ लिंक्ड कम्प्यूटर पर फोटो भेजती रहती है।” सैमुअल ने गिद्ध के बारे में विस्तार से समझाया। 
“बहुत ही नायाब, यह भी हमारे काम की डिवाइस है।” चेंकी व अंटा ने कहा। 
“एक और डिवाइस “जटायु” है। इसको मैंने चमगादड़ के उड़ान भरने की तकनीक व चील की उड़ने की स्पीड से प्रेरित होकर बनाया है।”
“जिस तरह चमगादड़ रात के अंधेरे में उड़ते समय अपने मुँह से पराश्रव्य तरंगें निकालती जाती है और उसी के आधार पर बिना किसी रुकावट के उड़ती है। ठीक उसी तरह इसमें लगे सेंसर तरंगे निकालते हैं। रास्ते में कोई रुकावट होने पर तरंगों के वापस आने से यह रास्ता बदलने में सक्षम है। इसकी खासियत यह है कि जमीन से इसकी ऊंचाई और उड़ान की गति भी तरंगों के द्वारा नियंत्रित होती है। इसमें लगे बॉक्स में यह अपने साथ एक पौंड वजन लेजा सकती है। उड़ान भरने व पहुँचने की जगह पहले से निर्धारित कर दी जाती हैं। चील की तेजी से बाधाओं को पार कर यह अपने गंतव्य पर स्वत: पहुँचने में सक्षम है। छोटी मोटी चीज इसके साथ पहुँचाई जा सकती है।”
सैमुअल ने जटायु के बारे में जानकारी दी। 
“कुछ और भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं जैसे रिमोट कंट्रोल हाथ, मैग्नेटिक मिनी ट्रांसपोर्ट सिस्टम इत्यादि। पर प्रोत्साहन व फंड्स न मिलने से निराशा मन में छा गई है। जिसके कारण नए आइडिया होते हुए भी कुछ नया नहीं कर पा रहा हूँ।” सैमुअल कहकर चुप हो गया। 
“बहुत ही उपयोगी आविष्कार है। इन सबको हम जरूरत अनुसार तैयार कराते जाएंगे। तुम कल नेत्र और गिद्ध हमें दे दो।” चेंकी ने सैमुअल को प्रोत्साहित करते हुए कहा। 
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सैमुअल ने अगले दिन वादे के अनुसार “नेत्र” व “गिद्ध” तैयार कर अंटा को दे दिए। सैमुअल ने नेत्र को कमांड देकर “आई केयर” अस्पताल डुमरी पहुँचा दिया। वहाँ पहुँच कर नेत्र ने रिकॉर्डिंग भेजनी शुरू कर दी। 
चेंकी जासूस ने सैमुअल को मदद देने के लिए धन्यवाद दिया, “बहुत बहुत थैंक्स सैमुअल, तुमने हमारे कहने भर से हमें एक नेत्र और एक गिद्ध दे दिया। नेत्र को तुमने इंस्पेक्टर विक्रमसिंह की इच्छा अनुसार डुमरी के अस्पताल में पहुँचा कर काम कराना शुरू करा दिया। ये गिद्ध देखने में किसी एंटीक पीस जैसा लग रहा है। इसे देखकर कोई सपने में भी नहीं सोच सकता है कि यह जासूसी यंत्र होगा। अब यह बताओ गिद्ध वहाँ कैसे काम करेगा। डुमरी के अस्पताल में इसको तुम्हें ही इंस्टॉल कराना पडे़गा। इस मामले में हम तो बिल्कुल अनाड़ी हैं। वास्तविकता में देखा जाए तो हम तो नाम के जासूस हैं। तुम तो जासूसों के बाप हो, मतलब इतने सारे जासूसी यंत्रों के बनाने वाले हो।” 
“हौसला बढ़ाने के लिए आप का धन्यवाद। गिद्ध को पहले डुमरी के अस्पताल में भिजवाने की व्यवस्था करनी पड़ेगी। तब मैं यहाँ से कमांड देकर इससे जहाँ की स्कैनिंग चाहिए करवा दूँगा। इसकी एक विशेषता बताना तो मैं भूल ही गया हूँ। इसके अंदर लगे हुए स्कैनर लकड़ी, टिन की चद्दर, चार इंच की दीवार के पार की स्कैनिंग भी कर सकते हैं।” सैमुअल ने गिद्ध की पूरी प्रक्रिया बताई। 
“ठीक है मैं इंस्पेक्टर विक्रमसिंह से बात कर इसको वहाँ भिजवाने की व्यवस्था करता हूँ। जैसे ही गिद्ध वहाँ पहुँच जाएगा मैं तुम्हें सूचित करता हूँ। फिर तुम इसको एक्टिव करवा देना।” चेंकी जासूस ने सैमुअल को धन्यवाद देकर विदा किया। 
सैमुअल के जाने के थोड़ी-सी देर बाद इंस्पेक्टर विक्रमसिंह चेंकी के ऑफिस आ गया। दोनों डिवाइस के बारे में जानकार और नेत्र के द्वारा अस्पताल की रिकॉर्डिंग शुरू देखकर टेबिल पर हाथ मारते हुए अपराधियों को चेतावनी दी, “अब देखता हूँ कैसे बच पाएंगे अपराधी। एक बार कुछ सबूत हाथ लग जाएं। मैं एक एक की गर्दन दबोच लूँगा। एक बार मेरे शिकंजे में फंस गए तो साले जिंदगी भर फड़फड़ाते रहेंगे।”
“सर इस गिद्ध को भी डुमरी के अस्पताल में पहुँचाना है। इसे कौन पहुंचाएगा।” अंटा ने विक्रमसिंह से पूछा। 
“ये अपना पत्रकार है ना ये अपने पूरे ताम-झाम के साथ वहाँ जाएगा। इसको वहाँ अस्पताल में कोई रोकेगा-टोकेगा भी नहीं क्योंकि पत्रकारों का काम ही है यहाँ वहाँ से न्यूज इकट्ठी करना।” इंस्पेक्टर विक्रमसिंह ने रिपुदमन सिंह की ओर इशारा किया। 
“म्म, म्म, मैं।” 
“कोई किंतु परंतु नहीं, मैं अभी फोन कर न्यूज चैनल की गाड़ी मंगवाता हूँ। तुम फटाफट वहाँ निकल लो। वहाँ की दो चार न्यूज, इंटरव्यू लेने के बहाने गिद्ध को समुचित जगह रख आना।” इंस्पेक्टर विक्रमसिंह ने रिपुदमन सिंह के कुछ बोलने से पहले ही पूरा प्लान बता दिया। 
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इंस्पेक्टर विक्रमसिंह के फोन करते ही चैनल की वैन आकर खड़ी हो गई। साथ में कैमरामैन भी हाजिर हो गया। 
रिपुदमन सिंह अपने साथ “गिद्ध” को लेकर बेमन से वैन में बैठ गया। इंस्पेक्टर का इशारा पाते ही वैन डुमरी के लिए चली गई। 
आधे घंटे के अंदर वे डुमरी के “आई केयर” अस्पताल के सामने खड़े हो गए। अब तक रिपुदमन सिंह भी मानसिक रूप से तैयार हो चुका था। उसने मन ही मन पूरी कार्ययोजना बना ली। 
“अस्पताल की तारीफ करते-करते उसे डॉक्टर घोष के चैंबर तक पहुँचकर चुपके से गिद्ध को शो पीस की तरह चैंबर में सजाकर रखना है।”
चैनल का माइक हाथ में थाम कर मंजे हुए पत्रकार की तरह कैमरा मैन के साथ अस्पताल के रिसेप्शनिस्ट के सामने पहुँच गया, “अब हम पहुँच चुके हैं डुमरी के सर्व जन हिताय अस्पताल आई केयर में। हम आप लोगों को आज दिखाने की कोशिश करेंगे कि हर अस्पताल, हर डॉक्टर एक जैसा नहीं होता है। चिकित्सा के क्षेत्र में मानवता और सेवाभाव अभी भी बचा हुआ है।”
“अब हम आ पहुंचे हैं अस्पताल के रिसेप्शन काउंटर पर। ये देखिए, आम अस्पतालों से हटकर, कितना साफ सुथरा माहौल है। ये देखिए काउंटर पर नर्स सेवाभाव के साथ मौजूद है।”
“आइए अब हम ले चलते हैं ओपीडी में। यहाँ भी डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। आप देख रहे हैं यही फर्क होता है अस्पताल अस्पताल में। एक ओर जहाँ डॉक्टर और अस्पताल मरीज का खून तक निचोड़ लेते हैं वहीं ये अस्पताल निस्वार्थ भावना के साथ अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहा है।”
ड्यूटी पर तैनात अस्पताल की नर्स, वार्ड बॉय व डॉक्टर अपनी तारीफ के चक्कर में यह भूल ही गए कि अस्पताल प्रबंधन ने बिना उनकी इजाजत के किसी पत्रकार या फोटोग्राफर को फोटो खींचने या न्यूज लेने के लिए मना किया हुआ है। 
पत्रकार रिपुदमन सिंह तारीफ करते हुए अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर बने प्राइवेट वार्डो व डॉ घोष के चैंबर तक पहुँच गया। सफाई कर्मचारी चैंबर की सफाई में व्यस्त था। मौका देखकर रिपुदमन सिंह ने अपने साथ लाए गिद्ध को डॉक्टर की चेयर के पीछे तरफ की दीवार पर सेट कर दिया। साइज में छोटा होने के कारण आसानी से नजर नहीं आ रहा था। 
वार्ड की साफ-सफाई व तीमारदारी की तारीफ करते हुए आगे बढ़ रहा था। सामने वीआईपी वार्ड देखकर वह उसमें भी घुस गया। वार्ड में पाँच सितारा होटल की तरह लाइन से बने कमरे देख कर उसे आश्चर्य हुआ कि कहीं वह किसी होटल में तो नहीं आ गया है। 
साथ ही वहाँ तैनात नर्सो को देखकर उसे कुछ खटका सा हुआ। नर्सें यंत्रचालित सी कार्य कर रही थीं जैसे वे किसी रिमोट से संचालित की जा रही हों। 
रिपुदमन सिंह ने उनसे बातचीत करने की कोशिश भी की। पर वे कोई प्रतिक्रिया दिए बिना तैनात रहीं। 
रिपुदमन सिंह के साथ साथ चल रहा कैमरामैन पूरी व्यावसायिक कौशलता के साथ लगातार रिकॉर्डिंग कर रहा था। उसने अस्पताल के चप्पे-चप्पे की रिकॉर्डिंग कर ली। 
जबतक अस्पताल स्टाफ उन दोनों को रोकने की कोशिश करता तब तक वे अपना सारा काम निपटा कर अस्पताल से बाहर आकर वैन में बैठ कर वापस हो गए। 
अस्पताल स्टाफ यह तक नहीं समझ पाया कि वे कौन से चैनल से और क्यों आए थे।
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बरामऊ में चेंकी जासूस के ऑफिस में इंस्पेक्टर विक्रमसिंह पत्रकार रिपुदमन सिंह के वापस आने का इंतजार कर रहा था। 
जैसे ही वैन आकर रुकी, रिपुदमन सिंह बड़ी शान के साथ उससे उतरा। उसके हाव-भाव व चेहरे की चमक  काम के सफल होने का बयान कर रही थी। 
रिपुदमन सिंह के साथ-साथ फोटोग्राफर भी अपना कैमरा लेकर उतरा। 
किसी के कुछ पूछने से पहले ही रिपुदमन सिंह बोल उठा, “क्यों फोटोग्राफर भाई, हमने कितनी चालाकी से अस्पताल के चप्पे-चप्पे में जाकर सब कुछ रिकॉर्ड कर लिया। यहाँ तक कि अस्पताल के वीआईपी वार्ड और डॉ घोष के चैंबर तक में जाकर न केवल रिकॉर्डिंग की बल्कि स्पाई डिवाइस गिद्ध को भी लगा दिया। जब तक अस्पताल स्टाफ कुछ समझता बूझता, हम अपना काम कर उड़न-छू हो लिए।” 
फिर दोनों ने विस्तार से पूरे घटनाक्रम का बयान किया। इंस्पेक्टर विक्रमसिंह के इशारे को समझ अंटा ने फोटोग्राफर के कैमरे की रिकॉर्डिंग अपने कम्प्यूटर में कॉपी करा ली। 
फिर रिपुदमन सिंह को वहीं ऑफिस में छोड़कर चैनल की वैन वापस चली गई। 
सैमुअल को बुलाकर गिद्ध को एक्टिव कराने के लिए कहकर इंस्पेक्टर विक्रमसिंह वापस चला गया। 
अंटा ने सैमुअल को बुलाकर गिद्ध को एक्टिव कराने दिया।
गिद्ध की कार्य प्रणाली चेंकी जासूस, अंटा और रिपुदमन सिंह को पूरी तरह से समझ में नहीं आई। अंटा ने सैमुअल से ही आई केयर अस्पताल के एमडी डॉ घोष के चैंबर में रखे रिकॉर्ड को स्कैन करके मंगाने का अनुरोध किया, “यार सैमुअल, तुम टेक्निकल लोगों की चीजें हम नॉन टेक्निकल लोगों के बाउंसर जैसी पड़ रही हैं। तुम्हारी बताई गई बातें हमारे सिर के ऊपर से निकल रही हैं। तुम ही हमारी मदद कर गिद्ध से रिकॉर्ड स्कैन करवाकर मँगवा लो।”
“ठीक है अंटा, तुम लोग एक नेक काम के लिए जासूसी में लगे हुए हो। मैं तुम लोगों की मदद जरूर करूंगा। मैं अभी ऑफिस के कम्प्यूटर से सिंक्रोनाइज कर गिद्ध को एक्टिव करता हूँ।”
सैमुअल ने कुछ प्रोग्रामिंग कर कम्प्यूटर और गिद्ध को सिंक्रोनाइज कर दिया। अब गिद्ध के माध्यम से रियल टाइम स्कैनिंग डाटा कम्प्यूटर में सुरक्षित होने की पूरी तैयारी हो गई। सैमुअल ने गिद्ध की आँखों में लगे टेलीस्कोपिक लेंस को सेट किया लेंस 360 डिग्री तक घूमने लगे। 
गिद्ध की निगाह बंद अलमारी के पार होकर वहाँ रखे रजिस्टर की पन्ने दर पन्ने स्कैनिंग करने लगी। एक रजिस्टर स्कैन होने के बाद वे लोग स्कैन्ड फोटोज को देखकर चौंक गए, “वॉट्स ए मिराकल अंटा, डॉ घोष ने कोरे रजिस्टर रिकॉर्ड में सेव करके रखे हुए हैं। ये देखो गिद्ध के द्वारा भेजी गई इमेज। पूरी कोरी की कोरी।”
“क्या, कोरे रजिस्टर इतनी सुरक्षा में। असंभव। लगता है तुम्हारे गिद्ध में कोई खराबी आ गई है। इसलिए सही स्कैनिंग नहीं हो रही है। तुम चैक करके देखो।” चेंकी जासूस ने सैमुअल की बात पर अविश्वास किया। 
“नहीं सर, मेरे गिद्ध के सारे फंक्शन प्रापर काम कर रहे हैं। मैं दूसरा रजिस्टर स्कैन कराता हूँ।” सैमुअल ने अपने गिद्ध पर विश्वास जताते हुए दूसरे रजिस्टर को स्कैन कराया। 
“यार सैमुअल, इस रजिस्टर की इमेज भी कोरी आ रही हैं।” अंटा ने कम्प्यूटर देखते हुए बताया। 
“यह कैसे हो सकता है। मैं गिद्ध की निगाह दूसरी जगह घुमा कर देखता हूँ। वहाँ कुछ रखे होने पर उसकी स्कैनिंग कराता हूँ।” सैमुअल को भी आश्चर्य हुआ। 
सैमुअल ने लेंस घुमाना शुरू किया। टेबल पर एक कार्ड नजर आया। 
“ये देखो अंटा, मै इस कार्ड को स्कैन कराता हूँ।” सैमुअल ने गिद्ध की निगाह को कार्ड पर फोकस कर स्कैन कराया। 
कार्ड पर छपी हुई सारी चीजों की इमेज कम्प्यूटर में आ गई। 
“ये देखो अंटा, ये डॉ घोष को किसी सामाजिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है। कार्ड हूबहू स्कैन होकर इमेज आ गई है। जरूर वे रजिस्टर खाली ही होंगे।” सैमुअल ने कार्ड की इमेज दिखाते हुए कहा। 
“ये तो असंभव बात है। या तो डॉक्टर पागल-वागल है या फिर बेवकूफ। कहीं कोई कोरे रजिस्टर इतनी सुरक्षा में रखता है। ये तो वही बात हो गई, खोदा पहाड़ निकली चुहिया।” पत्रकार रिपुदमन सिंह ने कहा। 
“डॉक्टर बेवकूफ या पागल नहीं है। बल्कि वह बहुत शातिर है। रिकॉर्ड पकड़े जाने पर कुछ न मिले इसके लिए उसने कोई तकनीक इस्तेमाल कर रखी है। सभी की आँखों में धूल झोंकने के लिए।” चेंकी जासूस ने 

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रचनाएँ
मिस्ट्री मर्डर
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तेज तर्रार इंस्पेक्टर नील की मौत एक रहस्य बनी हुई थी। घटनास्थल पर किसी अन्य व्यक्ति एवं हथियार आदि के निशान नहीं थे। इंस्पेक्टर की मौत पर विभिन्न सस्पेंस, जासूसी के बाद मौत का रहस्य खुलता है। जानने के लिए पढें। उपन्यास पूर्णतः काल्पनिक है। किसी घटना से कोई संबंध नहीं है।
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मिस्ट्री मर्डर

18 मार्च 2022
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मिस्ट्री मर्डर 1 तेज-तर्रार इंस्पेक्टर नील की जघन्य हत्या / आत्महत्या से पुलिस विभाग स्तब्ध था। हँसमुख, खुशदिल इंस्पेक्टर नील न केवल पुलिस विभाग का प्रिय था बल्कि शहर के नागरिकों का अच्छा दोस्त भी था

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मिस्ट्री मर्डर

19 मार्च 2022
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2फोरेंसिक टीम ने वहाँ का चप्पा-चप्पा छान लिया पर उन्हें वारदात के बारे में वहाँ से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई।सभी लोग अपने-अपने कयास लगा रहे थे। अभी भी स्वाभाविक मौत, हत्याअथवा आत्महत्या की गुत्थ

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20 मार्च 2022
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11चाय की तरोताजगी और कैंटीन मैनेजर द्वारा दिए गए संकेत से आईजी इंद्रेश गहन मंथन में डूब गए। उधर बाहर कुछ छुटभैये नेता और छुटभैये पत्रकार जनता की भीड़ को लेकर कोतवाली के सामने धरना-प्रदर्शन करने क

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20 मार्च 2022
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19आईजी इंद्रेश सिंह और जांच इंस्पेक्टर रोहित में मंत्रणा जारी थी। दोनों ही आश्चर्य में थे कि वारदात होने के दस बारह घंटे बाद भी कोई चश्मदीद नहीं मिला। यहाँ तक कि आसपास के लोगों को भनक तक नहीं मिल

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22 मार्च 2022
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26“तो फिर काम पर लग जा जासूस अंटा, निपटा दें इंस्पेक्टर की मृत्यु का टंटा।” “अशरीरी द्वारा हत्या, बहुत ही बढ़िया स्टोरी है पिक्चराइजेशन भी बहुत बढ़िया किया है। पर हकीकत में कहां है दम, फिर

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22 मार्च 2022
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सैमुअल को ऐसी ही तीन चार डिवाइस और शीघ्र तैयार करने के लिए कहा और एकबार फिर से खुशी से चिल्लाया, जासूस अंटा, मिटा दे टंटा।” 34 आईजी के बंगले में मीटिंग की शुरुआत हुई। जाँच टीम प्रभारी डीआईजी ढिल्लन व

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22 मार्च 2022
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40“या खुदा, मुझे बिल्कुल भी याद नहीं रहा कि आज रबी अल-अव्वल माह की पांचवीं तारीख है। एक साल पहले आज के ही मनहूस रोज हमारी हमसफर हमें तन्हा छोड़कर खुदा की खिदमत में हाजिर होने जन्नत के लिए रुखसत हुईं थ

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23 मार्च 2022
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47डीआईजी ढिल्लन सिंह द्वारा ड्राइवर फरीद व कब्रिस्तान पर निगाह रखने एवं पूरी जानकारी देते रहने का निर्देश दिया। पत्रकारिता के क्षेत्र में नया नया आया स्वतंत्र पत्रकार रिपुदमन सिंह यूँही इधर-उधर भ

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23 मार्च 2022
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54पुलिसकर्मियों के साथ पत्रकार रिपुदमन सिंह डीआईजी साहब से मिलने के लिए चल दिया। अब उसे सुकून महसूस हो रहा था कि वह पत्रकार की हैसियत से मिलने जा रहा है। किसी अपराधी की तरह नहीं ले जाया जा रहा है।&nbs

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मिस्ट्री मर्डर

23 मार्च 2022
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54पुलिसकर्मियों के साथ पत्रकार रिपुदमन सिंह डीआईजी साहब से मिलने के लिए चल दिया। अब उसे सुकून महसूस हो रहा था कि वह पत्रकार की हैसियत से मिलने जा रहा है। किसी अपराधी की तरह नहीं ले जाया जा रहा है।&nbs

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मिस्ट्री मर्डर

24 मार्च 2022
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60आईजी के रौद्र रूप को देखकर सब सन्नाटे में आ गए। मन ही मन में सोचने लगे कि क्या बोलना है। “गोलू भोलू, तुम लोग बताओ तुम लोगों ने क्या किया। क्या क्या सुराग हाथ लगे।” आईजी ने मुखबिरों से कहा।&nbsp

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24 मार्च 2022
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67 विक्रमसिंह ने भी कब्रिस्तान के एक कोने में उठती हुई धूल को देखा। उसे भी आश्चर्य हुआ कि कहीं हवा नहीं चली। कहीं कोई हलचल नहीं हुई फिर अचानक से ये धूल का बवंडर कैसे उठा। पर वह कब्रिस्तान के दूसरे किन

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26 मार्च 2022
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74“अरे यार अंटा, अपना एक नेत्र रास्ता भटक गया था उसका क्या हुआ। देखो देखो आखिर वह है कहाँ।” चेंकी ने भटके हुए नेत्र के लिए चिंता जाहिर की। “सर, मैंने रिमोट संदेश देकर उसको अपने पास लाने की बहुत क

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26 मार्च 2022
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ने उसको दफ्न कर दिया। एक हिंदू लड़की का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से नहीं हो पाया।”81“रोइए मत अंकल जी, हम पूरी जाँच करेंगे और सुनंदा को न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे। आप दीवान जी के पास जाकर

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मिस्ट्री मर्डर

26 मार्च 2022
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87इंस्पेक्टर विक्रमसिंह के पास दोनों लड़कियों जूली और सुंदरी की जाँच रिपोर्ट आ गईं। रिपोर्ट देखकर इंस्पेक्टर विक्रमसिंह व रोहित सकते में आ गए। दोनों लड़कियों का भरपूर यौन शोषण हुआ था और उन दोनों की एक

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मिस्ट्री मर्डर

27 मार्च 2022
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अपने अनुभव से बताया। 94“एक काम करते हैं सैमुअल, फिलहाल हम खाली रजिस्टरों की गुत्थी में नहीं उलझते हैं। इन रजिस्टरों में बहुत से राज छिपे होंगे। उनको भी ढूंढेंगे पर बाद में। अभी नेत्र जो रिकॉर्डिं

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मिस्ट्री मर्डर

27 मार्च 2022
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है।”“बिल्कुल सच कह रहा हूँ। पर तुम किसी से कहना मत। तुम्हें भी मजे करवाने ले चलूँगा।”“सच, मुझे ले चलोगे।”“और नहीं तो क्या। तू भी क्या याद करेगा कि किसी दिलदार दोस्त से पाला पड़ा है।” कहते ही शिवशंकर ल

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मिस्ट्री मर्डर

28 मार्च 2022
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हैं। बेकार की चीज तेरा जैसा पप्पू ही ला सकता है।” रिपुदमन ने चिढ़ते हुए कहा। “अरे रुको, रुको। इन पन्नों को फाड़ो मत। हमें इनकी जाँच करनी चाहिए। शायद कुछ हासिल हो जाए। ये देखो, ध्यान से देखो इन पर

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मिस्ट्री मर्डर

28 मार्च 2022
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“20 तारीख सुबह तीन बजे। अब ये कौन सी नई पहेली आ गई। आखिर क्या मतलब निकलता है इसका। फिर से पहेली बूझना पडे़गी। अंटा ने कागज पर लिखी इबारत दोहराते हुए कहा। “चलो भाई फिर से इंस्पेक्टर साहब के पास। इ

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29 मार्च 2022
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121 दूसरी टीम 19 तारीख की सुबह ही गरियाना में तैनात हो गई। योजना के मुताबिक सारी कार्यवाही पूरी की गई। नगरपालिका के कर्मचारी भय या लालच के कारण कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते थे। पर ऑर्डर के कारण ब

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मिस्ट्री मर्डर

29 मार्च 2022
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128अस्पताल में पल रहे पूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त 6 कुत्तों को लेकर प्रशिक्षक पिछली तरफ की लिफ्ट के पास ठीक 2.45 पर खड़ा हो गया। अस्पताल के कर्मचारी ने मानव अंगों के पैकेट बनाकर तैयार रखे हुए थे। उन पैकेट

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मिस्ट्री मर्डर

29 मार्च 2022
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134एक घंटा आराम कर इकबाल ने पहले छोटू को दुकान से बाहर भेजा, “छोटू तू धीरे से दुकान का शटर उठा। बाहर झाँक कर देख सब ठीक-ठाक है। कहीं कुछ गड़बड़ दिखे तो तुरंत शटर बंद कर लेना।”छोटू ने बिना आवाज किए दुक

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मिस्ट्री मर्डर

29 मार्च 2022
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140“हमने दो इलेक्ट्रॉनिक फ्लाई में इंसुलिन की हैवी डोज भरकर वहाँ भेज दी। जैसे ही हमारी बताई गई जगह पर हमेशा की तरह इंस्पेक्टर नील अकेले ही पहुँचा। वहाँ किसी को न पाकर भौंचक होकर इधर-उधर निगाह फेंककर द

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