लखनऊ विधानसभा में योगी जी की कुर्सी के नीचे से PETN नामक बिस्फोटक निकलने के समाचार की पुष्टि लैब द्वारा हो गई है |
प्रश्न यह उठता है कि इतनी सुरक्षा तामझाम के बीच यह बिस्फोटक विधानसभा के अन्दर आखिर पहुँचा कैसे ?
जैसे नेपाल के रास्ते फर्जी नोट पहुँचते हैं ..जैसे कश्मीर में हथियार पहुँचता है वैसे ही लखनऊ विधानसभा में बिस्फोटक पहुँच गया | सच्चाई यह है कि शासन तंत्र में बैठा हर शांतिदूत शासन व्यवस्था में एक छेद है | यदि वह पद सुरक्षा से जुड़ा है तो इस छेद का ब्यास सैकड़ों गुना बढ़ जाता है | जब तक शासन को यह बात समझ नहीं आएगी इस तरह की चूक होती ही रहेगी और संभव है कि कभी कोई बड़ा नुकसान भी हो जाय | वैसे मुल्ला अखिलुद्दीन की सल्तनत में हर जगह शांतिदूतों को खोज - खोज कर बिठाया गया था | योगी जी न जाने किस विवशता में उस गन्दगी को अभी पूरी तरह साफ़ नहीं कर पाए हैं ..अब वह गंदगी भयानक प्रशासनिक संक्रमण का रूप धारण कर रही है |
अब्दुल हमीद के कसीदे गाने वालों कभी विचार करो कि सत्तर वर्षों में देश की २०% आबादी ने सिर्फ एक अब्दुल हमीद ही क्यों पैदा किया ? एक अब्दुल हमीद का नाम लेकर कब तक हिन्दुओं की आँख में धूल झोंकते रहोगे ?? कब तक गद्दार पैदा करने वालों का एक हमीद के नाम पर महिमामंडन होता रहेगा |
विधानसभा में बिस्फोटक मिलना बहुत बड़ी घटना है | पिछले दिनों कश्मीर में सेना की खुली भर्तियाँ भर - भरकर हुई हैं | जल्द ही इसका भी दुष्परिणाम सामने आ जाएगा | इस वर्ष पचास शांतिदूतों को IAS बनाया गया है ...वह भी जहाँ बैठेंगे कुर्सी के नीचे दीमक ही छोड़ते रहेंगे |
महबूबा का हरा दुपट्टा ओढ़कर हमीद और सलीम की कव्वाली गाने का मजा लेते रहिए....गाज़ी मियां आपके पाँव के नीचे की जमीन खोद कर आपके कफ़न - दफ़न का पूरा इंतजाम करने में सिद्दत से मशगूल हैं !!
मूल लेखक -- Janardan Pandey Prachand