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जीवन

hindi articles, stories and books related to jivan


मेहनत लगती है हमारी,सपनों को सच करने में।इरादा है सपने देखने का,हौसलों को सच करने में।।बुलंदियों तक पहुंचने में,मेहनत से गुजरते हैं हम।इरादा नेक हो हमारा गर,हौसलों से उड़ान भरते हम।।बरसों लग जाते हैं

बारिश की बूंदें भले छोटी हो,उनका लगातार बरसना लेकिन।नदियों का बहाव बन जाता,उनका लगातार बरसना लेकिन।।बारिश की बूंदों से बढ़ता जलस्तर,जलस्तर बढ़ने से बनती है नदिया।फिर सैलाब उमड़ता इस कदर,सागर में मिल ज

ऊपरवाले की आवाज़ सुनो,कहता है वह सभी से कुछ।जागृत रहो अपने में तुम,कहता है वह सभी से कुछ।।मिल रहा है जो कुछ,तुम्हें की वह बेहतर है।बखूबी वह तो जानता,तुम्हें की वह बेहतर है।।तुम अपने लिए नहीं जानते,क्य

सुनहरी सुबह ने धरा पर,कैसे अपनी लालिमा बिखेरी।सूरज की किरणों ने अपनी,धरा पर अपनी रौशनी बिखेरी।।बसंत हुआ अवतरित धरा पर,पेड़ भी लहराने लगे पवन से।सूरज भी आसमान में देखो,रौशन हो रहा है इस कदर से।।उड़ने ल

सतरंगी इन्द्रधनुष ने आसमान में,खीचीं है अपनी क्षैतिज रेखा।रंग बिरंगे रंगों से सजी देखो,एक छोर से दू जी क्षैतिज रेखा।।लाल, बैंगनी, नीला, पीला,हरा, गुलाबी और है नारंगी।इन्द्रधनुष ने आसमान में देखो,

ओ री मेरी सोनचिरैया,फुदकती रहती घर आंगन में।एक छोर से दूजे छोर तक,पंख पसारे रहती घर आंगन में।।ओ री मेरी सोनचिरैया,बैठ जाती हो अटरिया पर।दाना पानी लेकर तुम,चली जाती हो अटरिया पर।।ओ री मेरी सोनचिरैया,उड

सुख दुःख तो मेहमान हैं,बारी बारी से ये आएंगे।एहसासों से हम नहीं गुजरेंगे,तो अनुभव कहां से लाएंगे।।आसानी से सब मिल जाता,न मिलता तो किस्मत होती।बात पते की सुन लो भाई,भरोसे की क्या बात होती।।हम कोशिश भी

11/6/22प्रिय डायरी,                 आज मैंने शब्द.इन पर कविता शीर्षक पर कविता लिखी। यूं तो कविता लिखना पहले कठिन लगता था किन्तु अब धीरे- धीरे लिखने लगी हूं

छू लो आसमान तुम,पंख पसार पंछी की तरह।छू लो उन बुलंदियों को,पंख पसार पंछी की तरह।।छू लो आसमान तुम,हो कामयाबी हासिल तुम्हें।न डगर पे आए बंदिशे,मंजिल मिल जाए तुम्हें।।छू लो आसमान तुम,अहंकार न हो कतई तुम्

मैं हूं एक कविता,भावों की अभिव्यक्ति।उमड़ते घुमड़ते विचारों की,सुन्दर सी ये अभिव्यक्ति।।मैं हूं एक कविता,मन में ख्वाबों को सजाती।विचारों को व्यक्त करने में,कागज का सहारा ढूंढती।।मैं हूं एक कविता,शब्दो

बारिश में छतरी होती,जो उपयोग में है आती।बारिश रोक नहीं सकती,खड़े रहने का साहस देती।।आत्मविश्वास एक बल है,जो साहस से है आता।सफलता भी हमको यही,संघर्ष ये है हमें सिखाता।।प्रेरणा छतरी से है मिलती,बारिश मे

वक़्त एक समय का पहिया,निरंतर होता है ये गतिमान।कल, आज और कल में,निरंतर रहता है ये गतिमान।।हर समय जिंदगी में तुम,मुस्कराते रहो सदा ही ऐसे।जो छूट जाए ऐसे यूं पीछे,कोई गम भी न हो ऐसे।।समय का पहिया क

प्रशंसा कितनी भी करो,अपमान सोच समझ कर करो।लौट कर आता है वापस वही,चाहे तुम जो कुछ भी करो।।प्रशंसा भी एक ऋण है,अपमान भी एक ऋण ही।जो कुछ भी दोगे तुम,वही वापस आएगा ही।।घमंड मत करना कभी तुम,घमंड भी एक सागर

कलयुग की ये दुनिया साहब,दूर दूर तक फैली दुनिया।पहचानना है मुश्किल साहब,दूर दूर तक फैली दुनिया।।कौन अपना है कौन पराया,कदर है किसको होती।सच में जो रिश्ते निभाता,कदर है किसको होती।।लोभ और दिखावे की दुनिय

किस्मत में क्या लिखा हुआ,एक पल के लिए मान लो।लेना है अगर फैसला तुमको,एक पल के लिए मान लो।।शायद किस्मत में ही नहीं,फैसला लेकर तो देखो।शायद किस्मत बदल जाए,फैसला लेकर तो देखो।।फैसला न लेना कमजोरी है,की क

सुकून आज ढूंढता है आदमी,फुर्सत के दो पल भी नहीं।कैसे मिलेगा सुकून उसको,राहत के दो पल भी नहीं।।सुकून पाने के लिए भी,आदमी को जरूरत वक़्त की।दरकार वक़्त की होती है,दरकार ही नहीं वक़्त की।।सुकून पाने के ल

मेला लगता हर क्षेत्र में,जहां भीड़ भाड़ होती।देखने सजी सजाई दुकानें,खरीदते बेचते भीड़ भाड़ होती।।लोग सजाते अपनी दुकानें,कहीं कपड़ों और खिलौनों की।कहीं चाट और हाट की देखो,मेले में उमड़े जनसैलाब की।।कही

प्रभु सुकून चाहिए उतना,की जिंदगी ये चल पाए।हैसियत चाहिए कि उतनी,भला औरों का हो जाए।।प्रभु रिश्तों में गहराई उतनी,जिंदगी की कसौटी समझ आए।सुकून दीजिए उतना की हमें,जिंदगी भी अपनी संभल जाए।।रिश्तों में सम

पथ में पत्थर बहुत मिलेंगे  विघ्न रास्ता हर पल रोकेंगे  पत्थरों से बचकर चलना है  इन्हीं पत्थरों से पुल बनाना है  यहां सब रोड़े अटकाने बैठे हैं  पराया माल सटकाने बैठे हैं 

स्त्री के लिए घर संसार,उसका अपना परिवार होता है।प्यारे से अनमोल बच्चे,संग हमसफ़र का साथ होता है।।घर संसार में रिश्ते नाते,उनका भी बंधन होता है।रिश्तों की डोर में बंधे,उनका जग संसार होता है।।घर संसार म

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