जो हे भईया नओ जमानों
सिगरट ऊगरियों मे दबी
मों में गुटखा चबा रये
पेले भईया मोटर साइकिल को
फटफट केत हते ,
अब तो टू व्हीलर, बाईक
और कुजाने का का केरये ।
जो हे भईया नओ जमानों ।
पेले भईया कार को ,मोटर केत हते ,
अब तो फोर व्हीलर और कुजाने का का केरय ।
जो हे भईया नओ जमानों
पेले भईया फटो पेन्ट कोऊ ने पेरत तो,
अब तो निपकत सो फटो पेन्ट पेर रये
खब्बीसा सी कटिंग कराये,मो मे राजश्री दबाये ,
जो हे भईया नओ जमानों,
अब सुन लो मतारी की,
तो पेले भईया मतारी को ,माँ केत हते ,
अब तो मोम, मम्मी और कुजाने का का केरये ।
जो हे भईया नओ जमानों ।
पेले भईया पंगत होत हती ,
अब तो बफिंग, डिनर,लंच होत हे ,
गिद्ध से टूट परत हे सबरे,
बेशर्मी से खुदाई उठा उठा खा रये ।
जो हे भईया नओ जमानों ।
पेले शान्ति से पंगत सबरे जेत हते ,
अब तो लूटा मारी सी हो रई ।
पेले सी ने पंगत रई, ने पेले सो प्यार ,
परसईया प्यार से केत हते, कक्का एक लुचई ओर,
हाथ फैलाये कक्का केरये,भईया अब नई
परसईया के रऔ, कक्का एक तो चल है
कोरी हे मुर जे हे।
जो हे भईया नओ जमानों
पेले भईया फिलम को,सिनेमा केत हते,
अब तो मूवी ,थियेटर और कुजाने का का केरये ।
पेले भईया बाप को ,बाबूजी केत हते,
अब तो पापा, डेड, डैडी,और कुजाने का का केरये ।
जो हे भईया नओ जमानों ।
डाँ. कृष्णभूषण सिंह