गुन गुन करती आई चिरईयॉ,
कें बें कों शरमा रई ।
भीडतंत्र कों जमानों है, भईयाँ
बहुमत को हे राज ।
लूट घसोंट (खरीद फरोक्त) कर सरकारें बन रई ,
जनता ठगी लूटी जा रई ,
अ, ब, स, को ज्ञान नईयॉ,
सरकार, उनकों शिक्षा मंत्री बना रई ।
पाई पाई को जो हिसाब ने जानें ,
वो वित्त मंत्री कहला रओं ।
गुन गुन करती आई चिरईयॉ,
कें बें को शर्मा रई ।
गोली, डण्डों की सरकारें ,
भ्रष्टाचार फैला रई ।
बोट बैंक के लानें जा तो ,
का का खेल रचा रई ।
कोऊ बाटें लैपटॉप,
तो कोनऊ साईकल चलवा रओं ,
धनीराम पाई पाई (धन ) को ललचाबें,
जें पैसों के ढेर लगा रये ,
घर में नईयॉ खाँबें को ,
जें मुफ्त में राशन बटवा रई ।
करबें खाँबें बारे ,सबरों को ,
जें हरामखोंर बना रई ।
गुन गुन करती आई चिरईयॉ ,
कें बें को शरमा रई,
चोरी करें और डाकों डारे ,
बेंई संत महात्मा कहला रये ।
कोनऊॅ बन बैठों संत महात्मा ,
तो कोनऊॅ कथावाचक कहला रओं ।
कोनऊ कें बें कृपा बरसेगी,
कोनऊ आर्शीवाद हें के रओं ।
कोनऊॅ जेल में पिडों रो रओं ,
कोनऊ देश छोड भग जा रओं ।
संतों की माया देख चिंरईयाँ ,
ऑखों आँसू बहाँ रई ,
गुन गुन करती आई चिरईयॉ ,
कें बें को शरमा रई ।
कृष्णभूषण सिंह चन्देल
मो0 9926436304