दद्दा बऊ की सुने ने भाईया
साकें (शौक) को मरे जा रये ।
अँगुरियों (अंगुलियों) मे सिगरट दबाये ,
और मों (मुँह) में गुटका खाँ रये ।
निपकत सो पेंट पेर रये ,
सबरई निकरत जा रये ।
दद्दा बऊ की सुने ने भाईया,
साकें (शौक) को मरे जा रये ।
फटो सो पतलून(पेन्ट)पेर रये ,
अंग अंग दिखा रये ।
अच्छी बात करो तो भईया,
हमई को आँखें दिखा रये ।
दद्दा बऊ की सुने ने भाईया
साकें (शौक) को मरे जा रये ।
खब्बीसा सी कटिंग कराये ,
जोंकरों सी सकल बना रये ।
लुगायों से बाल रखायें,
कानों में बाली पेर रये
बाई चारी (लेडीश)जींस और स्कीन टच उन्ना पेर रई
लाज शर्म तो बची नईया,
सडकों पे गर्रा रई ।
ऐसे ऐसे गाना चले हे ,
समक्षई मे नई आ रये ।
दद्दा बऊ की सुने ने भाईया
साकें (शौक) को मरे जा रये ।
कृष्णभूषण सिंह चन्देल
M.9926436304