देखते देखते जिन्दगी क्या हो गई
मुंह पुपला गया ।
दाँत क्षड गये
कमर क्षुक गई ।।
चलना भी अब दुःश्वार हो गया
देखते देखते जिन्दगी क्या हो गई ।
कभी कलशों से नहाया ,
लोटों की तरह ।
अब जिन्दगी बोक्ष हो गई ।
चेहरा पोपला गया बाल क्षड गये
अब कमर क्षुक कमानी हो गई
कभी पढा था ,
आदमी की सफलता मे
औरत का हाथ होता है ।
इस रहस्य को समक्षते समक्षते
मै बूढा हो गया तब समक्ष मे आया
इस कामयाबी मे बूढे बाप की जावनी
उसके खून पसीने की महनत है ।
लोग तो बडी सहजता से कह देते है ।
आदमी की कामयाबी मे औरत का हाथ होता है
अब उन्हे कौन समक्षाये ।
दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है।
जवानी छिन चुकी ,अब और कुछ
कहँ कर मुक्षे अपना हुक्का पानी थोडी बन्द कराना है ।
देखते देखते जिन्दगी क्या हो गई ।