शिक्षक दिवस, 05-09-2018 के ज्ञान शिरोमणि अवसर पर सर्व गुरुजनों को सादर नमन, वंदन व अभिनंदन
“कुंडलिया”
पढ़ना- लिखना, बोलना,
विनय सिखाते आप।
हर अबोध के सारथी, वीणा के पदचाप॥
वीणा के पदचाप, आप शिक्षक गुरु ज्ञानी।
खड़ा किए संसार, बनाकर के विज्ञानी॥
कह गौतम कविराय, सिखाते पथपर बढ़ना।
सृजन रंग परिधान, सु-सृष्टि सभ्यता पढ़ना॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी