कहना और सुनाना क्या है।
गुज़रा दौर भुनाना क्या है।
यूं गद्दी पर बैठे बैठे
मन की बात बताना क्या है।
रैलीयों पर रैलियां कर
जनता को बहकाना क्या है।
नेता जी की बातों पर यूं
लड़ना और लड़ाना क्या है।
जनता जब भी पूछे तुम से
इंसानियत भुलाना क्या है।