श्रावण की शुक्ल पक्ष पंचमी
"नाग पंचमी"
दीप-धूप, चंदन, रोली
और पूजा की थाली
पानी और चढ़ावे दूध
और श्रद्धा के फूल,
खिली-खिली धूप नवेली
अभी-अभी है जागी,
नागदेव के पूजन को
आई भक्तों की टोली,
प्रकृति और भक्तों का
मनमोहक ये रूप,
नागदेव के दर्शन पाकर
जीवन हुआ संपूर्ण।