shabd-logo

पुस की वो चाँदनी रात याद रखेंगे!

18 नवम्बर 2021

23 बार देखा गया 23

सरकार आपकी बेरूखी याद रखेंगे!

हर कुर्बानी हर शहादत याद रखेंगे।
पुस की वो चाँदनी रात याद रखेंगे।
नेताओं की नेता नगरी में अन्नदाता की,
बेनतीजा हर मुलाकात याद रखेंगे।

सिंहासन पर बैठी सरकार सुनो,
हम अन्नदाता के अँसुपात याद रखेंगे।

राजपथ झाँकियाँ और अन्नदाता की रैली,
गणतंत्रदिवस इक्कीस की प्रभात याद रखेंगे।

जब रद्दी हुई दौलत मेरी,
चारों पहर के वो हालात याद रखेंगे।

राम जी की गद्दी, मुद्दा तीन सौ सतर,
राजनीति के तराजू से निजात याद रखेंगे।

सुनसान सड़कों पर मीलों चलते लोग,
पाँव तले छालों की अधरात याद रखेंगे।

तालाबंदी, दो गज की दूरी, ढका मुखड़ा,
बीस की टीस का आघात याद रखेंगे।

बेरोजगारी, महंगाई, जनता का विरोध,
आत्मनिर्भरता से मन की बात याद रखेंगे।

जिस काले चश्मे से सब चंगा दिखता है,
सरकार आपकी हर करामात याद रखेंगे।

सख्त नियम से कानून जो लागू हुए,
सरकार जल्दबाजी की सौगात याद रखेंगे ।

आवाज बुलंद भी करेंगे और सवाल भी पूछगें,
सरकार आपके ख़यालात याद रखेंगे।

हमारे हर सवाल हर विरोध पर,
आपका इतिहास की खैरात याद रखेंगे।
सरकार आपकी बेरूखी याद रखेंगे।
पुस की वो चाँदनी रात याद रखेंगे।

Anita Singh

Anita Singh

सुन्दर

24 दिसम्बर 2021

रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बहुत सुन्दर 👌 👌 👌 👌

19 दिसम्बर 2021

Jyoti

Jyoti

बहुत ही अच्छी प्रस्तुति

8 दिसम्बर 2021

47
रचनाएँ
जीवन कश्ती
5.0
जीवन में होने वाली घटनाएं, परिस्थितियां हमारे भावों, विचारों को शब्दों में ढालकर, कविता संग्रह के रूप में मेरी एक छोटी सी कोशिश है जीवन कश्ती। पुस्तक के बारे में अपनी राय, समीक्षा देकर मेरा मार्गदर्शन करें। धन्यवाद 🙏
1

चलो बापू को पढ़ते हैं

22 सितम्बर 2021
11
5
6

<h6><em><strong>चलो बापू को पढ़ते हैं।</strong></em></h6> <h6><em><strong>एक दिन नहीं, नित्य ही</str

2

सफेद रंग

7 अक्टूबर 2021
7
7
3

<p><em><strong>अमर</strong></em></p> <p><em><strong>जिसका सुहाग</strong></em></p> <p><em><strong>शही

3

जय आदिशक्ति माता

14 अक्टूबर 2021
3
5
3

विश्व जननी अंबिका माँ, दिव्य का भंडार हैभगवती के नाम सोलह, जप रहा संसार है।।प्राण भरती, प्यास हरती, सत्य का आधार हैक्षीणता को दूर करती, शक्ति का संचार है।।आदिशक्ति अराधना से, शक्ति का संचय करोचेतना का

4

तिरंगा

21 अक्टूबर 2021
4
4
3

<p><em><strong>दिल्ली में दहाड़े तिरंगा,सरहद पर महाकाल है।</strong></em></p> <p><em><strong>वीरों की

5

रोशनी की कुंजी

27 अक्टूबर 2021
3
3
3

<p><em><strong>विश्वास</strong></em></p> <p><em><strong>रोशनी की कूंजी है </strong></em></p> <p

6

पगडन्डी

29 अक्टूबर 2021
4
4
5

<p><em><strong><br> माँ मुझे पगडन्डी पे चलना सिखला दो,<br> मुझे जीवन का मतलब बतला दो,<br> कहती हो मे

7

एक दीप

30 अक्टूबर 2021
4
3
5

<p><em><strong>एक दीप रोशनी से भरा, दसों दिशाँ प्रकाशित करे।</strong></em></p> <p><em><strong>हर्ष औ

8

हिन्दी का संसार

2 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>हिंदी के साहित्य में, ज्ञान भरा संसार </strong></em></p> <p><em><strong>स्

9

मैं कौन हूं

7 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><br></p> <p><em><strong>मैं कौन हूँ? मैं कौन हूँ? </strong></em></p> <p><em><strong>चंच

10

लाओ जी मेरे श्याम की मोर वाली पगड़ी!

7 नवम्बर 2021
4
4
5

श्याम आते गोकुल में, धूम मची चारों ओर। बाबा   झूलाये  झुला,  मैया   खींचे   डोर। चले गोकुल के धाम, मथुरा के घनश्याम   झूमें नाचें गाएँ आज, आई है शुभ घड़ी पालना है चन्दन का,श्रृंगार हीरे मोती क

11

सावन आए सबके मन को भाए!

8 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>सावन आए बरखा लाए,</strong></em></p> <p><em><strong>सबके मन को खूब लुभाए।</strong></em

12

सबके के अपने अपने राम

9 नवम्बर 2021
4
3
3

<p><em><strong>प्रभो करो ऐसी दया, जपूं राम ही राम।</strong></em></p> <p><em><strong>हो अगर कृपा आपकी

13

समय का पहिया

9 नवम्बर 2021
4
3
3

<p><em><strong>मत गंवा आज को सपनों में,</strong></em></p> <p><em><strong>कल रहता आज के कर्मों में,</

14

मत जइयो रजो राजनीति की गर्मी में!

9 नवम्बर 2021
4
4
5

<p><em><strong>मत जइयो रजो</strong></em><em><strong><br> </strong></em><em><strong>राजनीति की गर्मी

15

सरहदें

10 नवम्बर 2021
3
3
2

<p><em><strong>सरहदें ये सरहदें, सरहदें हूं सरहदें</strong></em><em><strong><br> </strong></em><em><

16

बापू की एक मुस्कान!

10 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>युद्ध के मैदान हजारों<br> लाखों हैं सैनिक<br> हथियारों का है जखेड़ा<br> नीतियाँ है, दे

17

मेघ के नखरे!

11 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>ओ मेघा काहे तू रूठे</strong></em><em><strong><br> </strong></em><em><strong>सूरज क्यो

18

अपना-अपना भगवान बना लें!

11 नवम्बर 2021
3
3
5

<p><em><strong>चलो देश को राम बना लें!</strong></em></p> <p><em><strong>अपना-अपना भगवान बना लें।</st

19

भारत के लोग

11 नवम्बर 2021
3
3
4

<p><em><strong>मैं आज भी बंद खिड़की से देखती रही</strong></em><em><strong><br> </strong></em><em><st

20

नागपंचमी

11 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>श्रावण की शुक्ल पक्ष पंचमी </strong></em></p> <p><em><strong>"नाग पंचमी"</strong

21

सागर के दोहे

12 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>धरती पर फैला हुआ, जलचर का संसार।</strong></em></p> <p><em><strong>सागर के भीतर

22

मां

12 नवम्बर 2021
3
3
4

<p><em><strong>मां को परिभाषित कर सकूं<br> ऐसा कोई शब्द नहीं।<br> ना स्याही है ना कलम है<br> कोई काग

23

बाबा

12 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>पिता धरती पर सूर्य का रूप हैं पिता </strong></em></p> <p><em><strong>छाँव ह

24

प्रेम नगर अति सांकरी!

13 नवम्बर 2021
4
3
5

प्रेम नगर अति सांकरी, कौन चित्त समझाय जा बैठा चौराह पर, मुझको भी भरमाय।। सावन साजन बिन हिया,जैसे नीरव डाल पिया बिना जीवन भया, कुरकुस की हो छाल।। साजन आए भोर में, बनके पंक्षी भोर मन आंगन क

25

एक मदारी

14 नवम्बर 2021
4
4
5

<p><em><strong>एक मदारी,</strong></em><em><strong><br> </strong></em><em><strong>बड़ा खिलाड़ी</strong

26

एक शिकारी बड़ा सयाना!

14 नवम्बर 2021
4
4
5

<p><em><strong>एक शिकारी बड़ा सयाना</strong></em></p> <p><em><strong>डाले भ्रम का दाना।</strong></em>

27

ताकत जब हाथ बदलती है!

14 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>जब ताकत हाथ मिलाती है।</strong></em></p> <p><em><strong>जीवन को रोशन करती है।</strong

28

धरती अम्मा!

17 नवम्बर 2021
5
5
3

<p><em><strong>तेरी अम्मा, मेरी अम्मा,</strong></em></p> <p><em><strong>सबकी प्यारी-प्यारी अम्मा,</s

29

सच कहता हूं! मैं दिल का बुरा नहीं हूं।

17 नवम्बर 2021
3
2
3

<p><em><strong>सच कहता हूँ, मैं दिल का बुरा नहीं हूँ।<br> हम दिल को, समझाते रहे;<br> जिन्दगी, हमें स

30

हाइकु

18 नवम्बर 2021
5
4
3

<p><em><strong><br> <br> हे शारदे मां<br> ज्ञान का प्रकाश दो<br> वरदान दो।<br> <br> हे ब्रह्म ज्ञानी

31

पुस की वो चाँदनी रात याद रखेंगे!

18 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>सरकार आपकी बेरूखी याद रखेंगे!<br> <br> हर कुर्बानी हर शहादत याद रखेंगे।<br> पुस की

32

हम भारतवासी!

22 नवम्बर 2021
4
3
3

<p><br></p> <p><em><strong>कैसी पहचान तुम्हारी, <br> कैसे तुम भारतवासी! <br> भेद भाव का चश्मा चढ़ाए,

33

जा जा अपना चश्मा बदल!

23 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>कहते हो अपनी सोच बदल<br> खोट कहाँ है?<br> ये तो बता<br> तू अपनी नियत बदल।<br> तू भी इ

34

जिन्दगी चली आओ ख्वाब ये बुलाते हैं!

23 नवम्बर 2021
4
4
5

<p><em><strong>इश्क की चलो कोई रस्म हम निभाते हैं।</strong></em></p> <p><em><strong>सुर्ख सांझ साहिल

35

अगर चाय पर तुम हमें ना बुलाते!

26 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>हवाएं घटाएं हमें ना सताते।<br> अगर चाय पर तुम हमें ना बुलाते।<br> <br> <br> तुम्हें द

36

हमसफ़र मेरे हमसफ़र!

27 नवम्बर 2021
3
3
3

<p><em><strong>हमसफर मेरे हमसफर।<br> साथ तेरा यूँ ही उम्र भर।<br> <br> तू आकाश नीला<br> मैं चंचल सी

37

केसरिया रंग

3 दिसम्बर 2021
3
3
2

कोई और रंग अब ज़्ज़ता ही नहीं है, रंग बसंती रंग में रंगरंग कर आया हूं, सांसों की जागीर नाम तेरे लिखकर, मैं केशरिया तिलक लगा कर आया हूं। मैया को यादों की, बाबा को जाड़े की, धूप मखमली

38

वतन

3 दिसम्बर 2021
4
4
3

<p><em><strong>मैं सात समंदर<br> पार से, सब छोड़ के,<br> लौट आती हूँ; पास तेरे, ए वतन मेरे।<br> कुछ

39

लोरी

3 दिसम्बर 2021
3
3
4

<p><em><strong>चांद कटोरा, सपने बटोरा,<br> आंगन बैठा रे,<br> संग निदिया रानी तुझे बुलाए, <br> सो जा

40

नन्ही परी

9 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p><em><strong>नन्ही परी, गुड़ की डली,<br> चाशनी तू प्यार की।<br> रंगों भरी, नन्ही कली,<br> खुशियां

41

मैं मिट्टी हूँ

10 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p><em><strong>ना काटती हूं, ना जलाती हूं,<br> ना सुखाती हूं, ना मिटाती हूं,

42

दिल मेरी सुनता ही नहीं!

11 दिसम्बर 2021
3
3
4

<p><em><strong>तुझ बिन अधूरी है ख्वाहिशें<br> तुमसे मिलने कि है साजिशें<br> अब दिल मुझे मिलता ही नही

43

हर फिक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया!

12 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p><em><strong>जिन्दगी के गीत गुनगुनाता चला गया</strong></em></p> <p><em><strong>हर रास्ते से हाथ मि

44

हर-हर महादेव जय!

12 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p><em><strong>डम डम डमरू वाले,<br> मेरे श़म्भो भोले भाले,<br> हे! विश्वनाथ. कैलाशी,<br> भक्तों के त

45

गज़ल

12 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p><em><strong>ख्वाब मेरे आसमां तक यूं घुमाते हैं मुझे।<br> बादलों में बीजुरी जैसे छुपाते हैं मुझे।<

46

बादल और किसान की यारी!

12 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p><em><strong>बादल और किसान गजब की यारी है।</strong></em></p> <p><em><strong>कभी दोस्ती तो दु

47

कुर्सी के खातिर!

12 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p><em><strong>कहना और सुनाना क्या है।<br> गुज़रा दौर भुनाना क्या है।<br> <br> यूं गद्दी पर बैठे बैठ

---

किताब पढ़िए