युद्ध के मैदान हजारों
लाखों हैं सैनिक
हथियारों का है जखेड़ा
नीतियाँ है, देश-विदेशी
हजारों साल पुरानी
योद्धा हो या महारथी
हुआ सब निराधार
बेअसर, बेकार
शान्त हुई ज्वाला
स्थिर हुआ तूफ़ान
बापू की एक मुस्कान।।
पूछो माँ भारती से
मेरे शब्दों में कहाँ इतनी ताकत
मैं करूँ बस बापू की इबादत
जहाँ हुआ असम्भव
बापू हैं वहाँ सम्भव
विश्व में, हर जगह
शान्ती का एक नाम
बापू की एक मुस्कान।।
छोड़ आये जिन्हें, पन्नों में
भूल गये जिन्हें, बातों में
धर्मों के ऊपर एक धर्म,
धामों में हैं, एक धाम
सत्य, अहिंसा, और प्रेम का
नहीं कोई दूसरा परिधान
बापू की एक मुस्कान।।
समाज की संजीवनी
समझ सको तो समझो
जान सको तो जान
एक सुत्र में बाँधना
एकता की ताकत
सत्य की एक पहचान
भारत की एक शान
बापू की एक मुस्कान।।