कहते हो अपनी सोच बदल
खोट कहाँ है?
ये तो बता
तू अपनी नियत बदल।
तू भी इंसां, मैं भी इंसां,
फिर क्यों? हिंसां,
चल एक बार साथ
वरना! अपना रस्ता बदल।
तू अपनी नियत बदल।
क्या पहना मैंने
क्या करती हूँ
क्या मैंने तुझसे पूछा?
जा जा अपना चश्मा बदल।
तू अपनी नियत बदल।