मत गंवा आज को सपनों में,
कल रहता आज के कर्मों में,
समय का पहिया चलता रहता कहता एक ही बात निरंतर।
अरे! चलते रहना जीवन भर!
अच्छा-बुरा कुछ भी ना जाने,
ऊॅंच नीच का भेद ना माने,
तेरे जतन कुछ काम न आवे देखता रह जाएगा उम्रभर।
अरे! चलते रहना जीवन भर!
बरसात ऋतु से पहले किसान,
युद्ध होने से पहले जवान,
हार जीत का फैसला होगा हमारी आज की तैयारि पर।
अरे! चलते रहना जीवन भर!
पशु पक्षी के लिए सिर्फ जीवन,
दिन-रात के जैसा मानव मन,
कर्म से समय की सीमा तोड़ इतिहास की बोगी म बैठकर।
अरे! चलते रहना जीवन भर!