मत जइयो रजो
राजनीति की गर्मी में।
आवेंगें यमदूत ठिठुरती सर्दी में।
सुनो सिया,
बनवास से पहले,
मिल आना लक्ष्मी जीजी से,
फिर आवेंगे लूटेरे पंचवटी में।
मत जइयो रजो राजनीति की गर्मी में।
आवेंगें यमदूत ठिठुरती सर्दी में।
धरोगी पाँव जो देहरी पे,
ले जाना सीख शूटर दादी से,
ना आवेंगे रक्षक अंधेर नगरी में।
मत जइयो रजो राजनीति की गर्मी में।
आवेंगें यमदूत ठिठुरती सर्दी में।
तुम चीखेगी, चिल्लाएगी,
पर वो मुँह ना खोलेगी,
खामोशी रहेगी शेरनी संसद में।
मत जइयो रजो राजनीति की गर्मी में।
आवेंगें यमदूत ठिठुरती सर्दी में।
बुलंद जो आवाज करोगी,
देशद्रोही कहलाओगी,
जला दी जाओगी लोकतंत्र में।
मत जइयो रजो राजनीति की गर्मी में।
आवेंगें यमदूत ठिठुरती सर्दी में।