मैं कौन हूँ? मैं कौन हूँ?
चंचल सी हवा बहती घटा हूँ
उजली सी! क्या ? मैं किरणें हूँ ।
मैं कौन हूँ?
खिलखिलाती सुबह की धूप हूँ
शाम की! क्या? मैं लालिमा हूँ।
मैं कौन हूँ?
खिलता फूल, बन गया बीज़ हूँ
प्रेम का! क्या? मैं अर्पित फूल हूँ।
मैं कौन हूँ?
नीला अम्बर, बदलता मौसम हूँ
सृजन की! क्या? मैं धरती हूँ।
मैं कौन हूँ?
सूरज का तेज, चाँद की चाँदनी हूँ
अमावस का! क्या? टिमटिमाता जूगनू हूँ।
मैं कौन हूँ?
निर्मल बहती नदियाँ की धार हूँ
मिलाप का! क्या? मैं सागर हूँ।
मैं कौन हूँ?
शीत सागर, गंगा का निर्मल नीर हूँ
तपती! क्या? मैं रेगिस्तान हूँ।
मैं कौन हूँ?
कविता का रस, गीत का संगीत हूँ
काव्य का! क्या? मैं अलंकार हूँ ।
मैं कौन हूँ?
कबीर के दोहे, संतों की वाणी हूँ
प्रेम पुजारन! क्या? मैं मीरा हूँ ।
मैं कौन हूँ?