कुत्ते, खासकर पिल्ले, प्यार के बड़े भूखे होते हैं. किसी भी इंसान के बच्चे की तरह. ज़रा सी पीठ सहला दें, तो पूरा का पूरा आपके ऊपर लोट जाएंगे. वो वफादार होते हैं, अच्छे दोस्त होते हैं. क्योंकि उन्हें ये अंदाजा नहीं होता कि इंसान कितना बुरा हो सकता है.
दिल्ली का नारायणा इलाका. जेनी नाम की नन्हीं कुतिया पूरे इलाके की प्यारी थी. मगर एक दिन वो अचानक गायब हो गई. लोगों ने खूब ढूंढा, नहीं मिली. फिर एक कुत्ता-प्रेमी अभिषेक ने उसे खोजना शुरू किया. घर-घर उसके बारे में पूछा, तो एक कैब ड्राइवर नरेश ने बहुत गर्व से बताया कि कुतिया का रेप कर वो तो उसे पड़ोस के मोहल्ले में छोड़ आया है.
आनन-फानन में अभिषेक कुतिया को बचाने निकला. जेनी उसे खून से सनी हुई एक सूखे नाले में मिली. वो तुरंत उसे अस्पताल लेकर भागा, मगर अस्पताल में जेनी को मरा हुआ बता दिया गया.
नरेश ने बताया कि किस तरह उसने खुद को शांत करने के लिए पिल्ले का रेप किया. पिल्ले के प्राइवेट पार्ट्स में गहरी चोटें आ गईं और खून बहने लगा. तो उसने अपने भाई सुरेश की मदद से एक बोरा खोजा. उसमें पिल्ले को भरा और दूसरे मोहल्ले में एक सूखी हुई नाली में फेंक आया. इस पूरी हरकत के लिए न ही नरेश के चेहरे पर कोई शर्म थी, न ही मन में कोई मलाल.
मेल टुडे ने नरेश की पत्नी से बात की, तो मालूम पड़ा कि नरेश का घर पर भी बर्ताव बहुत हिंसक है. कुछ ही दिनों पहले उसने पीटकर अपनी पत्नी का हाथ तोड़ दिया था.
फिलहाल जानवरों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले कुछ लोग चाहते हैं कि नरेश को गिरफ्तार किया जाए. मगर पुलिस ऐसा कर नहीं रही. लोगों की मानें, तो नरेश आराम से घूम रहा है और रोज की तरह दारू पी रहा है.
इधर अस्पताल ने जेनी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया कि उसकी मौत ज्यादा खून बहने से हुई है. जिसके बाद लोगों ने नरेश के खिलाफ FIR लिखवाई. FIR IPC के सेक्शन 429 यानी जानवरों के प्रति क्रूरता से बचाव की धारा के तहत लिखी गई. लोगों का पूछना है कि क्या ये क्रूरता कोई आम क्रूरता है?
क्या कहता है इंडियन पीनल कोड?
जब बात इंसानों की आती है, तो उन्हें पहुंचने वाली हर तरह की हानि के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है. मसलन, चोरी करना, धमकी देना, पीटना और यौन शोषण करना… सबके लिए अलग-अलग तरह की सजाएं हैं.
जानवरों के हक़ में धारा 429 बनाई गई है, जिसके मुताबिक:
जो भी इन जानवरों के प्रति बदमाशी करेगा, यानी इन्हें जान से मारना, हाथ-पांव तोड़ना, उन्हें बेकार बना देना: हाथी, ऊंट, घोड़ा, खच्चर, भैंस, बैल, गाय, सांड, जिनकी कीमत 50 रुपए या उससे ज्यादा हो, उसे पांच साल तक की कैद हो सकती है या फाइन भरना होगा. मामले की गंभीरता देखते हुए दोनों सजाएं दी जा सकती हैं.
जो बात यहां ध्यान देने लायक है कि इसमें जानवरों के यौन शोषण का कोई जिक्र नहीं है. ऐसा नहीं है कि जानवर का यौन शोषण करके व्यक्ति पतली गली से निकल सकता है. इसके लिए धारा 377 है. मगर ये धारा कई सालों से विवादों में है. आपको याद दिला दें कि धारा 377 क्या है:
अप्राकृतिक गुनाह: कोई भी व्यक्ति अगर अपनी मर्जी से किसी पुरुष, औरत या जानवर के साथ ‘अप्राकृतिक’ तरीके से कामुकता शांत करने के लिए इंटरकोर्स करता है, तो उसे 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है और फाइन भी देना होगा. महज पेनिट्रेशन भी किसी अप्राकृतिक सेक्स को गुनाह साबित करने के लिए बहुत होगा.
मगर कहीं भी ‘अप्राकृतिक’ सेक्स को परिभाषित नहीं किया गया है. क्या बच्चा पैदा करने के लक्ष्य के अलावा किया गया कोई भी इंटरकोर्स अप्राकृतिक होता है? क्या पत्नी के अलावा किसी के भी साथ सेक्स अप्राकृतिक है? क्या ओरल सेक्स अप्राकृतिक है? इस नियम के मुताबिक तो समलैंगिक सेक्स भी अप्राकृतिक है. लॉजिक तो ये कहता है कि सहमति से बनाया गया कोई भी रिश्ता अप्राकृतिक नहीं होता.
कुल मिलाकर एक धारा, जो जानवरों का यौन शोषण करने वालों को सजा दिलवा सकती है, असल में किसी मासूम समलैंगिक को भी सजा दिलवा सकती है.
कमाल की बात ये है कि जब जेनी के लिए लोग नरेश के खिलाफ FIR करवाने गए, तो पुलिस ने सेक्शन 377 के तहत FIR करने से मना कर दिया. बल्कि केवल 429 के तहत FIR दर्ज की.
जानवरों के हक़ में लड़ने वाले लोगों के लिए ये मायूसी की बात है कि ये आदमी एक जानवर के साथ इतनी हिंसक हरकत करके भी खुला घूम रहा है. जानवरों का रेप करने वाला व्यक्ति कोई आम व्यक्ति नहीं होगा. इतनी हिंसक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति को जेल से ज्यादा शायद मानसिक इलाज की जरूरत होगी. ये जानवर ही नहीं, इंसानों के लिए भी जरूरी है, क्योंकि जो व्यक्ति कुतिया का रेप कर सकता है, वो औरतों का रेप भी कर सकता है. हिंसा ही उसकी प्रवृत्ति है.
ये पहली बार नहीं हुआ है कि किसी जानवर का रेप हुआ हो. इन वाकयों पर नज़र डालें:
1. बीते साल केरल में जीशा नाम की लड़की का रेप और मर्डर हुआ था. अमीरुल इस्लाम नाम के आदमी ने सिर्फ लड़की का रेप किया था, बल्कि शरीर के साथ भरी हिंसा कर उसके टुकड़े कर दिए थे. ये आदमी नॉर्मल नहीं था. एक वीडियो बरामद हुआ था, जिसमें इसे एक बकरी का रेप करते हुए देखा जा सकता था. उसने बकरी के प्राइवेट पार्ट काट भी दिए थे.
2. केरल में एक कारपेंटर का एक कुतिया का रेप करता हुआ वीडियो वायरल हुआ था. ज़कारिया नाम का ये बन्दा 48 साल का था.
3. मध्य प्रदेश के बैतूल डिस्ट्रिक्ट में 50 साल के एक आदमी ने एक गाय का रेप किया था. इस आदमी को धारा 377 के तहत सजा भी मिली थी.
4. मध्य प्रदेश के ही बालाघाट डिस्ट्रिक्ट में 25 साल के एक आदमी को एक गाय का रेप करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था. इसे भी 377 के तहत सजा हुई थी.
5. 18 साल के एक लड़के को दिल्ली में एक बछड़े का रेप करते पाया गया था. बाद में एम्स अस्पताल में उसका दिमागी इलाज चला.
इनके अलावा जाने कितने केस होंगे, जो सामने नहीं आए. जानवरों के अलावा लोग बच्चों, यहां तक कि मुर्दों का रेप करते हुए पाए गए हैं. अंग्रेजी भाषा में इसे ‘पर्वर्जन’ कहते हैं.
ये एनिमल एक्टिविस्टों की लगातार की गई मेहनत है कि वाकये के चार दिन बाद अंततः FIR लिखी गई. ये खबर अखबारों के पहले पन्ने पर आई. शायद जेनी के साथ हुआ ये अपराध जानवरों और इंसानों के हक में कोई बदलाव ला सके.
साभार : The Lallantop