महिला दिवस पर हार्दिक बधाई
"मुक्तक"
कण पराग सी कोमली, वनिता मन मुस्कान।
खंजन जस आतुर नयन, माता मोह मिलान।
सुख-दुख की सहभागिनी, रखती आँचल स्नेह-
जगत सृष्टि परिचायिनी, देवी सकल विधान।।-1
गौतम जो सम्मान से, करता महिला गान।
लक्ष्मी उसके घर बसे, करे विश्व बहुमान।
महिला है तो महल है, बिन महिला घर सून-
घर-घर की यह बात है, कांता बहुत महान।।-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी