देश की पुरानी ससंद में अब तक लोक सभा के सभी कार्यकाल होता रहा है। यह अंग्रेजो के समय बनाई गयी थी। देश आजाद होने के बाद उसे चलाने के लिए कोई व्यवस्था और स्थान नही थी ऐसे में उस समय एक ऐसे कानून की जरुरत थी जो देश को सुचारू रूप से गति दे सके। उस समय के सभी लोगो ने मिलकर सविंधान का खाका तैयार किया। जिसमे डॉ भीमराव अम्बेडकर,डॉ राजेन्द्र प्रसाद,महात्मा गांधी,पण्डित जवाहरलाल नेहरू राजगोपालाचारी आदि नेताओं की प्रमुख भूमिका रही। डॉ बी आर अंबेडकर को सविंधान का निर्माता भी कहा जाता है।
आजादी के 76 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं और गणतंत्र लागू हुए 73 वर्ष हो चुके हैं । अभी भी अंग्रेजो के बनाए गए कई कानून को हम ढो रहे है। ये इतने दिनो तक हमारे देश में क्यो चले? शायद अब तक हमारे पास कोई नया विचार व्यवस्था नही हो सका या हम इनके आदी हो चुके है कि बदलने से घबराते है। हमने सविंधान बनाते समय कई देशो के अनुच्छेद को अपनाया था। जो हमारे सविंधान के अंग है।आज हमने नये संसद भवन का निर्माण पूर्ण कर लिया है। संसद के प्रतीक चिन्ह पर विवाद भी हुए। नया संसद भवन पुनर्निर्मित सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है, जिसका निर्माण 2019 में शुरू हुआ था । नई दिल्ली में संसद मार्ग पर सेंट्रल विस्टा के केंद्र में स्थित, नया संसद भवन गर्व से पुराने संसद ढांचे से सटा हुआ है।नया भवन आकार में त्रिकोणीय है, ज्यादातर इसलिए कि जिस भूखंड पर यह बनाया गया है वह त्रिकोण है। वास्तुकार बिमल पटेल ने कहा कि आकार डिजाइन और प्रतीकात्मक महत्व दोनों के कई पहलुओं को पूरा करता है और विभिन्न धर्मों में पवित्र ज्यामिति के लिए भी एक संकेत है।नई संसद 971 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुई है, जिसका क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है।64 हजार 500 वर्ग मीटर में बना नए संसद में 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है।
इसमें वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं. नया संसद भवन दिव्यांगों के अनुकूल होगा और मंत्रिपरिषद के इस्तेमाल के लिए करीब 92 कमरे होंगे. नए संसद भवन के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई है।नए संसद भवन में कुल 120 ऑफिस है ।नए संसद भवन में लोकसभा चैंबर 3015 वर्ग मीटर के क्षेत्र में तैयार किया गया है।राज्य सभा कुल 3,220 वर्ग मीटर एरिया में बनेगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी।
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