ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी(G20) एक अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक संरचना विश्लेषण व उसे मजबूत प्रदान करता है। सन 1999 में इसकी स्थापना एशियाई वित्तीय संकट का सामना करने के लिए किया गया था। जिसे सन 2008 में व्यापक रूप दिया गया। इसका एजेंडा आर्थिक मुद्दो पर केंद्रित था जिसमे विस्तार किया गया है और जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार-विरोध शामिल किया गया।इस ग्रुप में अभी 19 देश शामिल है।
भारत को इस बार 1दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक अध्यक्षता का मौका मिला है।
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का यह मंच पूरी दुनिया को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य करेगा।आज हमारी स्थिति ऐसी हो गयी है कि हम विकास की ओर अग्रसर है नित नए प्रयोग व तकनीकी से जुड़े हुए हैं। हर क्षेत्रों में विकास हो रहा है। परंतु प्राकृतिक आपदाओं से हम लाचार है।न हम बाढ़ को रोक पाते हैं न सुखा पर विजय पाते है। भूकम्प और सुनामी तो दुर की बात है। अब हमे सचेत हो जाना चाहिए कि प्राकृतिक आपदा से कैसे निपटा जाए। हम उसे रोक तो नही सकते पर उससे होने वाले नुकसान से उबर तो सकते है। हमारे साथी या पड़ोसी देशों की सहायता को हमे तत्पर रहना चाहिए। तुर्की में आए भूकम्प इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। किसी भी देश में प्रकृति कहर बरसा सकता है। ऐसी स्थिति में निपटने के लिए हर राष्ट्र को तैयार रहना चाहिए।
अब देशो की सीमाओ पर ज्यादा गम्भीर होने सेना एकत्रित करके युद्ध की स्थिति निर्मित करने की ज़रूरत नही है। अब पृथ्वी को बचाने की ज़रूरत है।पृथ्वी को बचाने के लिए भी कोई एक देश आएगा क्या। हमारे साथ साथ आप भी नष्ट हो जाओगे।आज पर्यावरण पर सोचने विचार करने हमे जागरुक होना चाहिए। हर संस्थाओ को आगे आना होगा और आपदा प्रबंधन के उपाय समस्या व निराकरण पर विचार कर अमल में लाना होगा।
भारत में G-20 की अलग अलग राज्यो में कई बैठके होगी जिस पर अनेक लोग व 19 देशो के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
save tree🌲save earth🌏&save life❤