दोहे
हर व्यक्ति सुखमय हर व्यक्ति सम्पन्न हो।
हर प्राणी विस्मय हर प्राणी प्रसन्न हो।।
अवतारो में भी क्या कहना।
राम अंश तो कृष्ण पूर्ण बहना।।
जन्म होता अन्धकार में मिलता कारागृह ।
इस राज का राज जानना मुक्त होना प्रिय।।
सुख में दुख खोजना दुख में सुख।
दोनो के पार होगा फिर जीवन रुख।।
नाचता हुआ पग हो हँसता हुआ धर्म।
हर माहौल में शामिल हो कृष्ण जैसा कर्म।।
हर तरफ हरियाली है देख सके तो देख।
चारो ओर खुशहाली है भेद सके तो भेद।।
समझ ना सका कोई जीवन का खेल।
उसी गोते में घूम रहे होता नही मेल।।
Save tree 🌲save earth🌏 &save life❤