एक बच्चे का प्रथम गुरु माँ
जो कोई भाषा नही सिखाती
कोई फीस नही लेती
कोई समय का पाबंद नही करती
जीवन में सीख जाता
स्पर्श प्रेम की भाषा
जब बड़ा हो जाता
पाठशाला में जाता
शिक्षक उसे राह दिखाता
गुरू वही जो साहस दे
खोज करना सिखाए
संदेह करना सिखाए
शिष्य वही जो
अज्ञात की खोज करे
लकीर के फकीर न बने
विचार चिन्तन कर
जाने नव खोज करे
मुक्त करता गुरु
अन्त तक ले जाता
उस जगह छोड़ देता
जहाँ छलाँग लगानी
शिष्य को अन्तिम दांव
खेलना होता है
पुरा दांव लगाने
पर मिल जाता
जो गुरु ने पाया
गुरु वही जो उस पार ले जाय।
save tree🌲save earth🌍&save life❤