वीर बाल दिवस गुरु गोविंद सिंह जी के चार पुत्रो की यादगार में मनाया जाता है।इतिहास कहता है कि 19 वर्ष की आयु में ही ये वीरगति को प्राप्त हुए थे।मुगल सेना द्वारा इन्हे मार डाला गया था ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी 2022 को गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के दिन, 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी।
इतिहास युद्धो से भरा पड़ा है कितने युद्ध हो चुके है कितनी लड़ाईयाँ जमीन पर लड़ी गई है। हम सभी जानवर के तल से ऊपर उठे थोड़ा ऊपर उठे सभ्य हुए, मनुष्य हुए लेकिन हिंसा करते हम सदा से आ रहे है; हमने अपनी कुरुपता को सुन्दरता में तब्दील कर लिया पर जंगलीपन को नही छुपा पाए । जमीन के नाम पर,पद के नाम पर,धर्म के नाम पर कही न कही हम एक-दूसरे का खून बहाते रहे। इनमे ऐसे मासूम भी है जिसका जमीन पद व धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। अभी भी कितने बच्चो का अपहरण हत्या बलात्कार हो रहे हैं।सरकारी रिपोर्ट कहती है कि बीते साल भारत भर में 10,670 बच्चों का अपहरण हुआ. यानी औसतन हर दिन 29 बच्चे अगवा किए गए। दिल्ली का नाम सबसे ऊपर है जहाँ सबसे ज्यादा अपहरण हत्या होता है ।
अब पहले जैसा युद्ध नही होता पर ये आँकड़े क्या बयां कर रहे हैं। हिंसा का रुप बदल गया है अब घरेलु हिंसा का शिकार बच्चे हो रहे है। वैज्ञानिक का ध्यान इस सदी में आया कि सर्वाधिक हिंसा का शिकार बच्चे हो जाते है । हम बेवजह डॉट देते है हम उसे कितना दबा डालते है और उनके मानसिक पटल पर कितना असर होता है हम नही जानते इसकी कल्पना भी नही कर सकते कि इसका प्रभाव उसके जीवन पर पड़ता है जो उसे हिंसक होने पर मजबूर करता है । यही दमित ऊर्जा उसके विकास को रोकता है और अचेतन मन में दबी पड़ी रहती हैं जो समय पाकर निकलने का प्रयास करता है और एक बालक वयस्क होते तक हिंसक हो जाता है। बाल मनोविज्ञान हर व्यक्ति को समझना होगा एक बच्चा क्या कहना चाह रहा है ,क्या बताना चाह रहा है हमे उनकी बातो को ध्यान देना होगा हमारे वातावरण के डर को उनके जेहन से निकलना होगा।परिवार समाज व विद्यालय का माहौल उसे सवारे न कि उनके मन में डर पैदा करे। जब बच्चा स्वस्थ माहौल में पलता है,बड़ा होता है,वयस्क होता है तो वह वैसा ही व्यवहार करता है जो उसने पीछे के जीवनकाल में जिया व जाना है। जो प्रेम में पला बड़ा उसके बटुए में घृणा कैसे हो सकता है। वह अहिंसा का वितरक होगा ।प्रेम,करुणा व दया का पुजारी होगा।
सभी बालक वीर पैदा होते है वीरता उसमें कूट कूटकर भरी होती है। संसार से गुजरते गुजरते विषाक्त हो जाते है जिन मुगलो ने या अन्य लोगो ने हत्या की अपहरण किया क्या वो बच्चे नही थे उनको उसके बचपन में क्या सिखाया होगा या किस तरह पला होगा जो हत्या कर गए ।हमारी जड़े हि विषाक्त है तो फल भी विषाक्त होगा। हर मनुष्य को चिन्तन मनन करने की जरुरत है जो पौधा लगा रहे है वो कड़वा फल ना दे पाए।तभी समाज से बुराइयां दुर होगी और सभी दिन वीर दिवस होगा।
Save tree 🌲save earth 🌏&save life ❤