एक बच्चे पर माँ क्रोध करती है ताकि बच्चा संभल सके। यह एक सामान्य क्रोध है जो उसके भलाई के लिए है जिसमे माँ का प्यार छुपा है। माँ की कामना है कि मेरा बच्चा स्वस्थ व पढ़ाई में अच्छा रहे।ये साधारण काम काज में होने वाला क्रोध है जो स्वाभाविक है । आप शराब पी रहे है किसी ने शराब पीने से मना किया और आप उसे मारने पर उतर आये ।आपसे बड़ा शराब हो गया शराब पीने की कामना गहरा हो गया जिससे आप क्रोध व लालच जैसे विकारो को जन्म दिये। आप प्रेम से भी जवाब दे सकते थे।
सभी को नौकरी अच्छा पद ,सम्मान व ढेर सारा धन पाने की कामना रहती है ।सही भी है एक आम आदमी में ये इच्छा तो होती है लेकिन इसको पाने या हासिल करने में किसी को दुख पहुचंना नही चाहिए । यदि इसे हासिल करने में क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष लोभ हममे पनपता है तो इसका मूल कारण कामना ही है।आप कहोगे मै क्रोध ज्यादा करता हूँ तो जिस चूहे को बाज ने पकड़ा है उसे छोड़ते ही अन्य सारे बाज उसे झपटना छोड़ देंगे जो उसे क्रोध दिलवा रहे थे । इसलिए तो निष्काम कर्म करने गीता में कहा है। आप संसार में लिप्त ना हो मृत्यु के होने पर सभी छीन ही जायेगी तो इस तुच्छ संसारिक चीजो के लिए क्या इर्ष्या द्वेष क्रोध करना ।🙏
Save tree🌲 save earth🌍 save life❤