नीति कथा..
एक राजा था।
एक सुबह राजा का दरबान आया और बोला की महाराज कल रात मेँने एक सपना देखा, आप महल के छज्जे पर घूम रहे हैं और छज्जा टूट कर गिर पड़ा।
दरबान ने अनुरोध ने अनुरोध किया, "आज आप छज्जे पर मत जाएं।"
राजा ने बात मान ली और शाम को छज्जा टूट कर गिर पड़ा। राजा ने दरबान को बुलाया और कुछ इनाम देकर दरबान को नोकरी से निकाल दिया।
दरबान ने पूछा, सर मेरा कसूर ?
राजा ने कहा, तुमने मेरी जान बचाई, सो इनाम दिया।
और नोकरी से निकाला, क्योंकि दरबान का काम जाग कर पहरा देना है, सोना नहीं।
.
अमरनाथ हमले में सात यात्री मरे।
इनाम दिए जा रहे हैं..
लेकिन नियमों में ढील देने पर कोई
दंडित नहीं किया जा रहा है ?
ड्यूटी पर सोने वाले दरबानों की ताजपोशी हो रही है।
देश कभी नहीं जान पाएगा की कारदात हुई क्यों ?
यह मामला हादसा नहीं ..
वारदात है।
इनाम का हिस्सेदार मिल गया ..
दण्ड का भागीदार कौन ?
नागरिक समाज कैसे आश्वस्त हो ?
मूल लेखक : सुमंत भट्टाचार्य