दीपक शर्मा का मेमे कहना विचित्र नहीं होता,
न ही विचित्र होता है जुनैद की हत्या के आरोपी को बेल मिल जाना,
सबसे विचित्र होता है चीन के भारत पर हमले की अफवाह फैलाना और फिर पांच सौ के नोट को लेकर चिंताग्रस्त हो जाना.
जी हां मितरों, चिंता का नया विषय है पांच सौ का नोट. हमारे ढेर सारे रीडर्स ने हमें एक तस्वीर भेजी. इस तस्वीर में पांच सौ के दो नोट दिख रहे थे. नोटों में जो सिल्वर स्ट्रिप होती है, वो इन दोनों नोटों में अलग-अलग जगह पर थी. आमतौर पर ये हर नोट में एक ही जगह होती है. हमारे रीडर्स ने बताया कि उन्हें इस फोटो के साथ मेसेज आया था,
‘500 रुपए की वो नोटें मत लीजिए, जिनमें हरी पट्टी गांधीजी के नजदीक बनी है, क्योंकि ये नकली है. 500 की सिर्फ वही नोटें लीजिए, जिनमें हरी पट्टी RBI गवर्नर के सिग्नेचर के पास है. इस मेसेज को अपने परिवार और दोस्तों तक पहुंचाएं.’
ये रही वो तस्वीर, जो हमारे रीडर्स ने हमें भेजी-
ये तस्वीर देखने के बाद सबसे पहले हमने अपनी जेब से पांच सौ की नोटें निकालकर देखीं. अंतर था गुरू. फिर ऑफिस के कुछ और लोगों की नोटों को भी मिलाया. कुछ नोटों में सिल्वर स्ट्रिप सिग्नेचर के पास थीं, तो कुछ में गांधीजी के पास. हमारी तो फूंक सरक गई. सबसे पहले यही ख्याल आया कि अगर इनमें से कोई भी फर्जी निकल गई, तो कितने का चूना लगेगा.
ये देखिए उन नोटों का हाल, जो हमारे पास थीं
ये वो नोटें हैं, जो हमारे पास थीं. बाईं तरफ की नोटों में देखिए सिल्वर स्ट्रिप अलग-अलग जगह दिख रही है और दाईं तरफ नोटों में लाल किले का रंग अलग-अलग नज़र आ रहा है.
लेकिन दोस्त, बैंक वालों ने बचा लिया
हमने सोचा कि पहले बैंक वालों से पूछ लेते हैं. उन्हें ज्यादा पता होता है. तो लल्लनटॉप ने सबसे पहले लखनऊ की एक SBI ब्रांच में फोन लगाया. बात हुई. वहां से पता चला कि RBI की तरफ से तो ऐसी कोई जानकारी नहीं आई है कि गांधीजी के करीब स्ट्रिप वाली नोट फर्जी हैं.
वहां से तसल्ली मिलने के बाद हमने फोन किया रायपुर की SBI की ब्रांच में. वहां भी मैनेजर साहब ने यही जानकारी दी कि RBI ने नोट तो दो बार जारी किए हैं, लेकिन स्ट्रिप के आधार पर नोट फर्जी होने की कोई खबर नहीं है. इसके बाद हमने एक प्राइवेट बैंक के कर्मचारी से भी बात की. वहां से भी यही रिस्पॉन्स मिला.
जब दोनों में से कोई नोट नकली नहीं है, तो ये अंतर कैसा
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले के दो दिन बाद 10 नवंबर से पांच सौ और दो हजार के नए नोट मार्केट में आ गए थे. इसके बाद जून 2017 में RBI ने पांच सौ की करंसी में कुछ बदलाव करते हुए नोटों की नई खेप जारी की थी. हालांकि, इस बार ऐसा नहीं था कि नए नोट आने से पुराने नोट बेकार हो जाएंगे. यानी 10 नवंबर से जितने भी नोट मार्केट में आए हैं, वो सभी चलन में हैं.
दी लल्लनटॉप ने जब बैंकवालों से बात की, तो उन्होंने बताया कि RBI की तरफ से नोटों में सिल्वर स्ट्रिप बदलने की कोई स्पेसिफिक जानकारी नहीं दी गई, लेकिन स्ट्रिप की जगह बदलने से ये नोट नकली नहीं होंगे.
RBI ने 13 जून को ट्वीट करके बताया था कि 500 के नए नोट कुछ बदलाव के साथ जारी किए जा रहे हैं. इसके साथ RBI ने प्रेस रिलीज भी जारी की थी.
ये रहा RBI का ट्वीट:
ये रही RBI की प्रेस रिलीज:
RBI के मुताबिक 500 के नए नोटों में ये बदलाव किए गए हैं:
– नंबर पैनल के इनसेट लेटर में E के बजाय A लिखा होगा (इनसेट लेटर नोट पर लिखे नंबर के बीच लिखा होता है, जो नोट तिरछा करने पर दिखता है)
– इसमें RBI गवर्नर उर्जित पटेल का सिग्नेचर और छपाई का साल 2017 पीछे की तरफ होगा
– नोट की बाकी डिजाइन वैसी ही होगी, जैसी 2016 में थी.
RBI की इस जानकारी पर कई मीडिया हाउसेस ने खबरें भी की थीं. हालांकि, ये खबरें बड़े पैमाने पर चर्चित नहीं हुईं, क्योंकि इसमें नोटबंदी जैसा कुछ नहीं था.
अच्छा एक मजे की बात और देखो. 10 नवंबर 2016 को जब RBI ने 500 रुपए के नए नोट जारी किए थे, तो नोट की तस्वीर के साथ एक ट्वीट भी किया था. ट्वीट में सिल्वर वायर की जगह हमारे पास मौजूद दोनों नोटों से अलग दिख रही है. न सिग्नेचर के पास और न गांधीजी के पास. दोनों के बिल्कुल बीचो-बीच.
तो भइया, बात एकदम क्लियर है. 10 नवंबर के बाद से 500 के जितने नोट आए हैं, सारेअसली हैं. शब्द्नगरी की तरफ से आपको ढेर सारी दुआएं. आप खूब पांचसइला कमाइए और बिना डरे खूब उड़ाइए. जय हो.