मेरी ज़ुबां पे है नाम तेरा
मेरी ज़ुबाँ पे है नाम तेरा,
है साँसों में भी पयाम तेरा।
वक़्ते रुख़सत ना यूँ आए कभी,
जाते-जाते ले लो सलाम मेरा।
मेरा दिल तेरा घर हुआ जानम,
मिला गया इस को मकाम तेरा।
मुझे ज़रूरत नहीं है मय की,
पिया है उल्फ़त का जाम तेरा।
नहीं मिलेगा यूँ हमसा आशिक़,
ख़याल रक्खे जो तमाम तेरा।
प्रेम बजाज ©®
जगाधरी ( यमुनानगर)