है तो है
हमें तुमसे मोहब्बत है तो है,
लोग कहें इबादत है तो है।
हम ना करेंगे शिकवा कभी,
तुम्हें हमसे शिकायत है तो है।
बेदर्द ज़माना मिलने नहीं देगा,
इसलिएजहां से बग़ावत है तो है।
हम ना बहलेंगे कभी झूठे वादों से,
अब ये हमारी हिमाकत है तो है।
फूल भी लगता है पत्थर सा हमें,
इसमें अगर नज़ाकत है तो है।
दमे-आखिर तक करेंगे इंतजार,
अब ये हमारी शराफ़त है तो है।
*प्रेम* में कभीमिलता नहीं सुकून,
इश्क में जीना कयामत है तो है।