तेरे हैं, तेरे रहेंगे
तुझसे करके मोहब्बत हमने भी जहां पाया है, ना होने
देंगे बदनाम मोहब्बत, तेरा प्यार ही तो मेरा सरमाया है।
तुने बिठा करके मन-मन्दिर में मेरी पूजा की है, तो मैंने
भी तुम्हारी इबादत की है।
ग़र हूं मैं खुदा तेरा तो तु मेरी खुदाई है, मैं हूं अराध्य
तो अराधना तु है, एक भी तु और दूजा भी तु है, तेरे
सिवा ना इस दिल पर किसी का नाम लिखा है।
ग़र मैं हूं सुर तो तु मेरी शहनाई है, वीणा के तार जैसे तु
मुझ पर छाई है, वादन के सुरों सी तुझमें गहराई है।
मैं हूं ग़र बांस की पोरी, तुम उसकी ध्वनि बन बजती
हो, मैं सुर हूं, तो तुम राग सी लगती हो।
दिल में धड़कती हो धड़कन बन कर, हर सांस में
समाई हो, बेशक तु साथ है ग़ैर के फिर भी किसी तरह
मान लूं कि तु पराई है।
मैं हूं आशिक तेरा तु मेरी आशनाई है, मैं हूं पथिक तु
रहनुमाई है।
मै हूं ज़िंदा ये तेरे इश्क का सबूत है, तेरे बिना मेरा ना
कोई वजूद है।
नहीं मिलना इस जन्म में हमारा लिखा तो सौ जन्म
लेंगे हम, मगर तेरे थे, तेरे हैं और तेरे रहेंगे हम।
प्रेम बजाज ©®
जगाधरी ( यमुनानगर)