Please do not read this book to children under 18
गोमती एक्सप्रेस की रफ्तार धीमी होने लगी, और धड़-धड़ की आवाज भी धीमी होती जा रही थी, मतलब साफ है की स्टेशन आ गया है या आने वाला है। ट्रेन की रफ्तार धीमी होती जा रही थी और आलोक की धड़कने तेज, क्योंकि जब भी आलोक कहीं जा रहा होता है बस से हो, ऑटो से हो या फ
यह पुस्तक अभय और संदीप नाम के तो दोस्तों पर आधारित है, जो लगातार अपनी ही दुनिया में जी रहे हैं। इन दोस्तों के बीच लड़कियों को लेकर काफी दिलचस्प किस्से होते हैं। उनके जीवन में आने वाली हर गर्लफ्रेंड कुछ नया करती है और इसी के चलते इनके जीवन में कई बार
सेठ हर्षवर्धन सिंह राठौर की कोठी जहां बर्थडे की शानदार पार्टी चल रही थी ।दूसरी तरफ सेठ हर्षवर्धन सिंह भले ही 50 पार कर चुके थे, परंतु मजे की बात यह थी कि इस उम्र में भी कनपटीयों के चंद वालों को छोड़कर उनके सिर का अन्य एक भी बाल सफेद नहीं था ।और कनपटी
इस किताब को लिखने का उद्देश्य मेरे मन के विचारों को जीवन्त रूप देना था आशा है पाठकों को मेरी कविता पसंद आएगी
नमस्कार 🙏 मित्रों इस शब्दडॉट इन पर मेरी ये पहली कहानी है इस कहानी का आधार रोमांटिक ,और सामाजिक, प्रेम है प्रिय पाठकों को समझ आने वाली सीधी-सरल भाषा का प्रयोग किया गया है ताकि वे कहानी से जुड़ाव महसूस कर सकें, कहानी(
प्रेम,प्रीत या इश्क़ रूह से होता है तो दिव्यता को दर्शाता है,वह प्रेम तन का नहीं मन के भावों से जुड़ता है और हां,ऐसा जुड़ता है कि कभी खत्म ही नहीं होता । वासना की ओर नहीं वह उपासना से निभता है। तनिक देर का नहीं,अमर होता है।युग युग तक उसका जिक्र होत
एक ऐसा बंधन जिसमें न चाहते हुए भी बंधना पड़ा आयुधी को। क्या अपना पाएगी वो इसे दिल से या ये बंधन रहेगा अनचाहा सा हीं। जानने के लिए पढ़िए "बंधन!! अनचाहा सा" जिसका मेल लीड कैरेक्टर है अभयांक और फीमेल लीड कैरेक्टर है आयुधी!! इनकी कहानी जानने के लिए पढ़िए
यह मेरी किताब कुछ प्यारी सी कहानियों का संग्रह है, जिसमें आप प्यार के अलग अलग रंग पा जायेंगे, प्यार सिर्फ एक ऐहसास है जिसमें आपको दोस्ती, मोहब्बत, करुणा और जानवरों से प्यार, जैसे कई इमोशन मिल जायेगे! आप सब लोग इसे जरुर से पढना और कुछ कमी हो मेरी कहान
मैं प्रेम में हूँ या मुझमें ही प्रेम है क्या तुम बता सकते हो किसमे प्रेम है चारो तरफ प्रेम मय जगत के मैं तन्मयता से तन्मय हूँ हाँ प्रेम मेरे भीतर ही बहता है इतर उतर पता नही किधर मगर कुछ तो है मेरे भीतर पिघलता है जमता है फिर बह जाता ममत्वय से कुछ पान
प्रेम में डुबी प्रेमिका का प्रेम भरें मन की चंचलता और उसके प्रेमी की गई चाहत
श्रंगार रस से भरपूर कविताओं का संकलन है यह किताब ।
रेत का महल एक अनोखी प्रेम कहानी है। जो प्रकृति के इर्द गिर्द रची गई है। इसमें प्रेम और प्राकृतिक सन्दर्य का अनोखा संगम है। सच्चे प्रेम और संयोग की एक अनूठी कहानी है। इस कहानी का अगर कोई सरल और पूरा शीर्षक हो सकता है वो होगा, प्रीत की डोर से बंधा रेत
Pyar sbd bolne m to bachut mitta or madhur h pr ager nibhane ki bari aaye to utna hi ktttin or muskil jitna apni aatma ko jagrit krna or bhavan ko pa lena . Prem or pyar m itna hi antr h ki prem hum bgvan se ma baap bhai bahen se krte h lekin pyar
उर्वशी रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित काव्य नाटक है। ... पुरुरवा के भीतर देवत्व की तृष्णा और उर्वशी सहज निश्चित भाव से पृथ्वी का सुख भोगना चाहती है। उर्वशी प्रेम और सौन्दर्य का काव्य है। प्रेम और सौन्दर्य की मूल धारा में जीवन दर्शन सम्बन्धी अन्य छो
अधूरे सपने, अधूरा ख्वाब और ना मुक्कमल हुई जिंदगी को एहसासों के जरिये कोरे काग़ज़ों पर उतारने की अधूरी कोशिश की है..... टूटे सपनों में कितनी खनक होती है आप मेरी इस किताब को पढ़ के शायद महसूस कर पायेंगे...
देवदास' शरतचंद्र की सबसे मशहूर कहानियों में से एक है। मेरी बहुत पहले से इच्छा थी कि देवदास पढूं। आखिरकार मुझे इस किताब को पढ़ने का मौका मिल गया। यह कहानी है देवदास, पार्वती (पारो) और चंद्रमुखी की। बचपन के प्यार को देवदास समझ नहीं पाता है पर जब पारो उ
नादान पुस्तक में आपका स्वागत है। इस पुस्तक में आप बचपन से लेकर जवान होने तक जिंदगी के ढेर सारे पैहलु से रूबरू होंगे। आप नादान में अनेको किरदार से रूबरू होंगे और आप उन्ही किरदारों के साथ घुल मिल जाएंगे। इस पुस्तक में आप देखेंगे एक अनोखा प्रेम कहानी।
ये एक प्रेम कहानी है । एक लड़की जिसका नाम दीव्या है और एक लड़का रौशन पड़ोस में रहते हैं । एक स्कूल में पढते हैं : रौशन बेहद ब्रिलिएंट विद्ध्यार्थी है , वहीं दीव्या होशियार है । दिव्या को गणित के कठिन सवालों को हल करने के लिए रौशन का सहारा लेना पड़ता था ।