अगस्त्य_वैदिक_ॠषि थे। ये वशिष्ठ मुनि के बड़े भाई थे। उनका जन्म श्रावण शुक्ल पंचमी को काशी में हुआ था। वर्तमान में यह स्थान अगस्त्यकुंड के नाम से प्रसिद्ध है। अगस्त्य की पत्नी लोपामुद्रा विदर्भ देश की
जीवन तो ईश्वर प्रदत्त है, परन्तु हम जगत के प्राणी इसको अपना समझ बैठे है। हम इस शरीर को अपना समझ बैठे है, जो नाशवान है। पता नहीं कि कब यह शून्य हो जाये, कब शिथिल हो जाए। जैसे ही इसमें से आत्मा निकल जात
1.शक्ति का स्वरूपशक्ति की उपासना कर सिद्धि को ग्रहण करने के इच्छुक तो बहुत लोग हैं, लेकिन पूरे समर्पण और श्रद्धा के साथ तप कर सिद्धि को प्राप्त करने का साहस सभी के पास नहीं होता। शक्ति के विभिन्न स्वर
पूजन कर्म में स्त्री हो या पुरुष, दोनों को कुमकुम, चंदन आदि का तिलक लगाने की परंपरा है। सभी पंडित पुरुषों के मस्तक या माथे पर तिलक लगाते हैं लेकिन स्त्रियों के संबंध में कुछ पंडित या ब्राह्मण माथे पर
माता के गर्भ में मलिन भोजन के जो दोष शिशु में आ जाते हैं, उनके निवारण और शिशु को शुद्ध भोजन कराने की प्रक्रिया को अन्नप्राशन संस्कार कहा जाता हैअन्नाशनान्मातृगर्भे मलाशायपि शुद्धघति।शिशु को जब 6-7 माह
सबसे पहले तो मैं श्री गणेश की वंदना करता हूं। गौरी- महेश नंदन बिना विघ्न के मेरी इस रचना का पूर्ण करें। तत्पश्चात मैं वीणा धारनी शक्ति स्वरुपा जगदंबा शारदा की वंदना करता हूं। वे मुझे ज्ञान पुंज दे, जो
भगवान श्री राम का नाम और उनका काम अद्भुत है। वे पुरुषों में सबसे उत्तम पुरुषोत्तम हैं। जिनकी आराधना महाबली हनुामन करते हैं उनके जैसा आदर्श चरित्र और सर्वशक्तिमान दूसरा कोई नहीं। उन्होंने जिसे भी छूआ व
1. बालकाण्ड- बालक प्रभु को प्रिय है क्योकि उसमें छल ,कपट , नहीं होता ।विद्या , धन एवं प्रतिष्ठा बढ़ने पर भी जो अपना हृदय निर्दोष निर्विकारी बनाये रखता है , उसी को भगवान प्राप्त होते है। बालक जैसा नि
भारत देश महाभारतकाल में कई बड़े जनपदों में बंटा हुआ था। हम महाभारत में वर्णित जिन 35 राज्यों और शहरों के बारे में जिक्र करने जा रहे हैं, वे आज भी मौजूद हैं। आप भी देखिए।_1. गांधार आज के कंधार को कभी ग
हमारी सनातन परंपरा उत्कृष्ट परम्परा रही है।उसमे अथाह ज्ञान व जानकरी का समावेश रहा है ।पर वो नीरस न लगे सो इसे संकेत या कहानियो से समझाया गया।अब बौध्दिक विकास
महामृत्युंजय मंत्र पौराणिक महात्म्य एवं विधि〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰महामृत्युंजय मंत्र के जप व उपासना कई तरीके से होती है। काम्य उपासना के रूप में भी इस मंत्र का जप किया जाता है। जप के लिए अलग-अलग मंत्रों क
जय श्रीकृष्ण मित्रगण। जय श्रीकृष्ण। आप सबको यह जान कर हैरत होगी कि आप जो स्वय को लेकर भ्रमित है कि आप की जाति फलानी या फलानी है तो यह भ्रम शायद आपका "ब्राह्मण कौन" प
जयश्रीकृष्ण पाठकगण सुधिजन व मित्रगण। आप सब को ह्रदय से नमन।आज मै आपके बीच अपनी एक और पुस्तक लेकर उपस्थित हू श्री गणेश जी व माता श्री सरस्वती देवी से अनुकम्पा पाते हुए श्रीकृ
एक अति प्राचीन मंदिर जहाँ स्त्री रूप में होती है हनुमान जी की पूजा आपको सुनकर आश्चर्य लगेगा, लेकिन दुनिया में एक मंदिर ऐसा भी है जहां हनुमान पुरुष नहीं बल्कि स्त्री के वेश में नजर आते हैं। यह प्राचीन
सब से पहले भूमि को गोबर से लेपना चाहिए। फिर जल की रेखा से मंडल बना कर , उस पर तिल और कुश घास बिछा कर मरणासन्न व्यक्ति को उस पर सुला देना चाहिए । उस के मूंह में पंचरत्न / स्वर्ण आदि डालने से सब पापों क
गठबंधन करते समय वधू के पल्लू और वर के दुपट्टे या धोती मेंसिक्का (पैसा), पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत, पांच चीजें बांधी जाती हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है-सिक्का: यह इस बात का प्रतीक है कि धन पर किसी